भारत ने ओडिशा से किया अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण, 5,000 किमी तक वार करने में सक्षम

समग्र समाचार सेवा
बालासोर (ओडिशा), 21 अगस्त: भारत ने बुधवार को अपनी सामरिक क्षमता का दम दिखाते हुए ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से अग्नि-5 (Agni-5) मध्य-सीमा बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल की मारक क्षमता लगभग 5,000 किलोमीटर है, जिससे भारत की सैन्य ताकत में और मजबूती आई है।

रक्षा मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान जारी कर कहा, “मध्य-सीमा बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-5’ का सफल परीक्षण 20 अगस्त को चांदीपुर परीक्षण रेंज से किया गया। लॉन्च ने सभी परिचालन और तकनीकी मानकों को मान्य किया। यह परीक्षण सामरिक बल कमान के तहत किया गया।”

एशिया और यूरोप तक मारक क्षमता

अग्नि-5 मिसाइल भारत के अग्नि मिसाइल कार्यक्रम की सबसे शक्तिशाली कड़ी मानी जाती है। इसकी 5,000 किमी की रेंज भारत को न केवल पूरे एशिया बल्कि उत्तरी चीन और यूरोप के कुछ हिस्सों तक भी मारक क्षमता प्रदान करती है। यह भारत की सामरिक तैयारी और रक्षा क्षमता को वैश्विक स्तर पर नई मजबूती देती है।

भारत-पाक संघर्ष के बाद परीक्षण

यह परीक्षण ऐसे समय हुआ है जब लगभग तीन महीने पहले भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव देखा गया था। विश्लेषकों के अनुसार, इस सफल परीक्षण का संदेश यह है कि भारत अपने रक्षा ढांचे को किसी भी परिस्थिति में मजबूत बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

अग्नि मिसाइल श्रृंखला की खासियतें

भारत ने पिछले वर्ष मार्च में भी अग्नि-5 का परीक्षण किया था। इससे पहले अग्नि-1 से लेकर अग्नि-4 तक की मिसाइलों को विकसित और तैनात किया जा चुका है।

  • अग्नि-1 से अग्नि-4 की रेंज 700 किमी से 3,500 किमी तक है।
  • ये मिसाइलें पहले ही रणनीतिक बल कमान में शामिल की जा चुकी हैं।

पिछले महीने भारत ने परमाणु-सक्षम पृथ्वी-II और अग्नि-I का भी सफल परीक्षण किया था।

  • पृथ्वी-II की रेंज लगभग 350 किमी है और यह 500 किलोग्राम तक का भार ले जाने में सक्षम है।
  • यह मिसाइल पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार के वारहेड ले सकती है।

रणनीतिक महत्व

अग्नि-5 का सफल परीक्षण भारत की परमाणु त्रिकोणीय क्षमता (Nuclear Triad) को और मजबूत बनाता है। इसकी लंबी दूरी की क्षमता भारत को रणनीतिक रूप से आत्मनिर्भर और क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य में निर्णायक बढ़त दिलाती है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह मिसाइल भारत की “विश्वसनीय प्रतिरोधक नीति (Credible Deterrence Policy)” का अहम हिस्सा है।

ओडिशा के चांदीपुर से हुआ यह सफल परीक्षण भारत की बढ़ती रक्षा ताकत और तकनीकी श्रेष्ठता का प्रतीक है। इससे न केवल भारत की सुरक्षा क्षमताओं में मजबूती आई है बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भी एक स्पष्ट संदेश देता है कि भारत अपने रणनीतिक हितों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह सक्षम और तैयार है।

 

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