भारत-पाक संघर्ष पर जयशंकर का बड़ा बयान: मध्यस्थता से किया साफ इनकार, किसानों और रणनीतिक स्वायत्तता को बताया सर्वोपरि
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23 अगस्त: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-पाकिस्तान संबंधों पर बड़ा बयान देते हुए साफ कर दिया है कि भारत किसी भी तरह की मध्यस्थता (Mediation) स्वीकार नहीं करेगा। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा,
“भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के मुद्दे पर हम किसी भी तरह की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करते हैं। 1970 के दशक से यह राष्ट्रीय सहमति है और पचास सालों से इस पर भारत की स्थिति साफ रही है।”
#WATCH | Delhi: At The Economic Times World Leaders Forum 2025, EAM Dr S Jaishankar says, "On the issue of mediating (India-Pak conflict), since 1970s, for more than 50 years now, there's a national consensus in this country that we do not accept mediation in our relations with… pic.twitter.com/YtqEE6q2M1
— ANI (@ANI) August 23, 2025
किसानों और रणनीतिक स्वायत्तता पर जोर
जयशंकर ने कहा कि जब किसानों के हित, रणनीतिक स्वायत्तता और व्यापार की बात आती है तो सरकार की नीति बेहद स्पष्ट है। उन्होंने विपक्ष और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संदेश देते हुए कहा कि अगर कोई इससे असहमत है, तो उन्हें भारत की जनता को बताना चाहिए कि वे किसानों की सुरक्षा और स्वायत्तता की अहमियत को नहीं मानते।
उन्होंने दोहराया कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा, चाहे इसके लिए कितने भी बड़े फैसले क्यों न लेने पड़ें।
ट्रंप का दावा और भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार दावा किया है कि उन्होंने इस साल मई में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराया। हालांकि भारत ने इस दावे को हर मंच पर खारिज किया है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान के मुद्दे पर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता या हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं है।
ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को करारा जवाब
हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र सामने आया। इस सैन्य कार्रवाई के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 100 किलोमीटर अंदर घुसकर 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। भारतीय मिसाइलों ने पाकिस्तान के कई एयरबेस को भी निशाना बनाया और भारी नुकसान पहुंचाया।
इसके बावजूद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल जनरल आसिम मुनीर लगातार बयानबाजी करते रहे हैं। भारतीय रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की ये बयानबाजी घरेलू राजनीति और आंतरिक असंतोष को दबाने की कोशिश भर है।
विदेश मंत्री जयशंकर के बयान ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि भारत अपनी विदेश नीति में स्वतंत्र और आक्रामक रुख अपनाए हुए है। किसानों के हितों से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा तक, भारत किसी भी बाहरी दबाव को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। पाकिस्तान के खिलाफ भारत की सख्त नीति और अमेरिका जैसे मित्र देशों को दिया गया संदेश यह दिखाता है कि भारत अब किसी भी मुद्दे पर समझौता करने को तैयार नहीं है।
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