भारत अपने तकनीकी कौशल, ज्ञान और विशेषज्ञता को जमैका के साथ साझा करने को तैयार- राष्ट्रपति कोविन्द
राष्ट्रपति ने जमैका की संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को सम्बोधित किया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18मई। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने 17 मई किंग्सटन में जमैका की संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रतिनिधि होने के नाते, जमैका के जीवन्त लोकतंत्र के नेताओं की गरिमामयी उपस्थिति में सदन को सम्बोधित करना उनके लिये सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि न सिर्फ भारतीय समुदाय और सांस्कृतिक बंधन हमारे दोनों देशों को एक-दूसरे के करीब लाते हैं, बल्कि लोकतंत्र और मुक्ति में विश्वास भी हमें एक-दूसरे से बांधता है। जमैका के संविधान का मुख्य स्तंभ यही है कि सारे नागरिक समान हैं। हमारे संस्थापक पूर्वजों ने भी इसी विश्वास को साझा किया और भारत के हर नागरिक के लिये व्यक्तिगत स्वतंत्रता की कामना की। उन लोगों ने आजादी, लोकतंत्र और उसकी आत्मा के रूप में समानता के आधार पर आधुनिक राष्ट्र की रचना की। और, ऐसा करते हुये, उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि हम ‘अनेकता में एकता’ के मूलमंत्र को हमेशा याद रखें, जो जमैका की मूलभावना ‘आउट ऑफ मैनी, वन पीपुल’ के समकक्ष है।
राष्ट्रपति ने कहा कि पर्याप्त प्राकृतिक संसाधनों, रणीनीतिक स्थिति, युवा आबादी और जीवन्त नेतृत्व के आधार पर जमैका महान आर्थिक सफलता प्राप्त करने की ओर अग्रसर है। कैरीकॉम क्षेत्र में उसका नेतृत्व, अंतर्राष्ट्रीय नियम-आधारित आचरण और बड़ी जिम्मेदारियां वहन करने की उत्कंठा के कारण ही अन्य देश जमैका के साथ साझीदारी करना चाहते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि कुछ सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के पड़ोस में जमैका की रणनीतिक स्थिति और अंग्रेजी जानने वाले उसके प्रतिभाशाली युवाओं के बल पर जमैका के लिये यह शानदार अवसर है कि वह ‘ज्ञान का राजमार्ग’ बने तथा चौथी औद्योगिक क्रांति से लाभ उठाये। भारत, जमैका के विजन 2030 को साझा करता है, जिसके तहत जमैका ने अपने लोगों के सशक्तिकरण बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जहां सुरक्षित, एकीकृत और न्यायपूर्ण समाज होगा। इस तरह वह एक समृद्ध और स्थायी अर्थव्यवस्था बन जायेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत, जमैका के साथ साझीदारी करने और अपने तकनीकी कौशल, ज्ञान और विशेषज्ञता को साझा करने के लिये तैयार है, जिससे जमैका की शिक्षा और व्यापार परिदृश्य में बदलाव आ जायेगा। उन्होंने उल्लेख किया कि जमैका के सर्वोच्च व्यापारिक घरानों ने भारत स्थित प्रौद्योगिकी कंपनियों से सॉफ्टवेयर और बैकरूम तकनीकी समर्थन के लिये साझेदारी कर ली है। भारत और जमैका अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के तहत कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम करने में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे और कृषि सेक्टरों में भी साझीदारी की अपार संभावनायें हैं, जो भारत की प्रमुख ताकतें हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि जमैका की आबादी तीस लाख से कम है। ऐसे कम आबादी वाला देश का ओलम्पिक्स, वर्ल्ड चैम्पिनयशिपों और अन्य प्रमुख खेल स्पर्धाओं में ऐसा दबदबा देखकर हैरत होती है। भारत खेलों और एथलेटिक्स में जमैका से सीखना चाहता है। उन्होंने कहा कि संगीत और मनोरंजन तथा एक-दूसरे के साथ आदान-प्रदान करने से दोनों देशों का मनोरंजन उद्योग समृद्ध होगा। इसके अलावा, सत्कार और पर्यटन के क्षेत्र में भी सहयोग की बहुत संभावनायें हैं और हम एक-दूसरे से सीख सकते हैं।
राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि हमारे साथ आने से और एक-दूसरे का सहयोग करने से दोनों को फायदा पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने साझा आदर्शों को व्यावहारिक सहयोग में बदलने के लिये साथ काम करना चाहिये और अधिक समतावादी विश्व व्यवस्था कायम करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि भारत-जमैका साझेदारी से हमारे लोगों का भविष्य तो उज्ज्वल होगा, बल्कि इसके जरिये अधिक एकीकृत, मानवीय भावना से ओतप्रोत, समृद्धशाली विश्व बनाने में भी मदद मिलेगी।
राष्ट्रपति, जमैका के गवर्नर जनरल सर पैट्रिक एलन द्वारा दिये गये भोज में सम्मिलित हुये। भोज में दिये गये अपने वक्तव्य में राष्ट्रपति ने जमैका की अपनी पहली राजकीय यात्रा में हुये आतिथ्य-सत्कार के लिये सर पैट्रिक एलन को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारत और भारतवासियों के लिये जमैका का विशेष स्थान है। जॉर्ज हेडली, माइकल होल्डिंग और क्रिस गेल जैसे दिग्गज क्रिकेटरों को भारत की क्रिकेट प्रेमी पीढ़ी बहुत चाहती है। उसेन बोल्ट की महानता के बारे में तो सभी भारतीय खेल प्रेमियों को पता ही है।
राष्ट्रपति ने कहा कि व्यापार और आर्थिक सहयोग भारत-जमैका मैत्री के महत्त्वपूर्ण स्तम्भ हैं। उन्होंने कहा का कि दोनों अर्थव्यवस्थाओं को एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिये, न सिर्फ व्यापार में, बल्कि डिजिटल क्रांति के जरिये अपनी अर्थव्यवस्थाओं को बदलने में भी। राष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपनी युवा प्रतिभाओं को कृत्रिम बौद्धिकता, रोबोटिक्स, जमैकी की पारंपरिक चिकित्सा और आयुर्वेद जैसे क्षेत्रों तथा जलवायु-अनुकूल विश्व की रचना के लिये संलग्न करना चाहिये। हमें उनकी परिकल्पना और ऊर्जा को समृद्शाली, प्रगतिशील और शांतिपूर्ण समाज की रचना में लगाना चाहिये।
आज (18 मई, 2022), राष्ट्रपति अपनी यात्रा के दूसरे चरण की सेंट विन्सेंट और ग्रेनाडीन्स की राजकीय यात्रा पर रवाना हो जायेंगे।
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