पीटर नवारो की ‘ब्राह्मण’ टिप्पणी पर भारत की आपत्ति
भारत ने डोनाल्ड ट्रम्प के पूर्व सलाहकार पीटर नवारो के 'ब्राह्मण मुनाफाखोरी' वाले बयान को गलत और आधारहीन बताया।
- टिप्पणी का खंडन: भारत ने पीटर नवारो की टिप्पणी को सिरे से खारिज किया।
- बयान का संदर्भ: नवारो ने कहा था कि भारत में ‘ब्राह्मण मुनाफाखोरी’ के कारण विदेशी निवेशकों को लाभ नहीं होता।
- आधिकारिक प्रतिक्रिया: भारत सरकार ने इस टिप्पणी को गलत और तथ्यात्मक रूप से असत्य बताया।
नई दिल्ली, 05 सितंबर 2025: भारत ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पूर्व व्यापार सलाहकार पीटर नवारो द्वारा की गई ‘ब्राह्मण मुनाफाखोरी’ वाली टिप्पणी को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। नवारो ने यह बयान अपने हालिया पॉडकास्ट में दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में विदेशी निवेश इसलिए सफल नहीं हो पाता क्योंकि यहां ‘ब्राह्मणों द्वारा मुनाफाखोरी’ का माहौल है। भारत सरकार ने इस बयान को तथ्यात्मक रूप से गलत और पूर्वाग्रह से प्रेरित बताया है।
पीटर नवारो का विवादास्पद बयान
पीटर नवारो, जो ट्रम्प प्रशासन में एक प्रभावशाली व्यक्ति थे, ने अपने बयान में दावा किया कि भारत में निवेश करने वाली अमेरिकी कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने इसका कारण एक ऐसी ‘सांस्कृतिक समस्या’ को बताया, जिसे उन्होंने ‘ब्राह्मण मुनाफाखोरी’ का नाम दिया। उनके अनुसार, यह व्यवहार भारत में एक ‘पूंजीवादी प्रणाली’ को पनपने नहीं देता। इस टिप्पणी ने भारत में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं पैदा की हैं।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
भारत सरकार के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने इस टिप्पणी पर कड़ा रुख अपनाया है। प्रवक्ता ने कहा कि यह बयान भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था की गलत समझ पर आधारित है। भारत एक विविधतापूर्ण और समावेशी समाज है, जहां सभी वर्गों के लोग आर्थिक गतिविधियों में भाग लेते हैं। उन्होंने कहा कि नवारो का यह बयान तथ्यों पर आधारित नहीं है और यह केवल एक व्यक्ति का गलत दृष्टिकोण है। यह टिप्पणी भारत की बढ़ती वैश्विक आर्थिक शक्ति और विदेशी निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में इसकी छवि को कमजोर करने का एक असफल प्रयास है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति
नवारो के इस बयान के विपरीत, भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है। विदेशी निवेशक भारत में निवेश करने के लिए उत्सुक हैं, क्योंकि यहां की विकास दर उच्च है और सरकार ने व्यापार को आसान बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। भारत में विदेशी निवेश (FDI) लगातार बढ़ रहा है, जो यह दर्शाता है कि विदेशी कंपनियों को यहां के आर्थिक माहौल पर पूरा भरोसा है। नवारो की टिप्पणी, जो एक खास वर्ग को निशाना बनाती है, भारत के आर्थिक विकास के व्यापक और सकारात्मक संदर्भ को नजरअंदाज करती है।
गलत जानकारी को खारिज करना
पीटर नवारो का बयान भारत के आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने की गलत समझ को दर्शाता है। भारत सरकार ने इस तरह के निराधार और विभाजनकारी बयानों को खारिज कर सही प्रतिक्रिया दी है। यह जरूरी है कि वैश्विक स्तर पर भारत की सही तस्वीर पेश की जाए, जहां एक विविध और गतिशील समाज सभी के लिए अवसरों का निर्माण कर रहा है।
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