ब्रिटेन की संसद रिपोर्ट भारत ने की खारिज: ‘बेबुनियाद आरोप’, विदेश मंत्रालय ने कहा- ‘राजनीतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित’
कूटनीतिक तनाव: खालिस्तानी गतिविधियों पर जारी विवाद के बीच ब्रिटेन ने जारी की रिपोर्ट, भारत ने दिया करारा जवाब
- भारत ने ब्रिटेन की संसद की एक रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें भारत पर ‘अंतरराष्ट्रीय दमन’ का आरोप लगाया गया था।
- भारत के विदेश मंत्रालय ने रिपोर्ट को ‘तथ्यहीन’, ‘निराधार’ और ‘पूर्वाग्रह से प्रेरित’ करार दिया है।
- भारत ने साफ कहा है कि इस तरह के आरोप द्विपक्षीय संबंधों को कमजोर करते हैं।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2 अगस्त, 2025: भारत और ब्रिटेन के बीच कूटनीतिक तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। ब्रिटेन की संसदीय समिति की एक रिपोर्ट में भारत पर ‘अंतरराष्ट्रीय दमन’ में शामिल होने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिस पर भारत ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज करते हुए इसे ‘पूर्वाग्रह से प्रेरित’ और ‘तथ्यहीन’ बताया है। भारत का कहना है कि यह रिपोर्ट अप्रमाणित और बेबुनियाद आरोपों पर आधारित है, जो भारत जैसे लोकतांत्रिक देश की छवि को धूमिल करने का प्रयास है।
ब्रिटेन की रिपोर्ट में भारत पर क्या आरोप?
ब्रिटेन की संसद की विदेश मामलों की समिति द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में कई देशों पर विदेशों में रह रहे असंतुष्टों और आलोचकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया गया था। रिपोर्ट में भारत का नाम विशेष रूप से लिया गया, जिसमें कनाडा और ब्रिटेन में भारत विरोधी और खालिस्तानी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई के प्रयासों का जिक्र था। रिपोर्ट में अप्रत्यक्ष रूप से यह आरोप लगाया गया था कि भारत सरकार अपनी सीमाओं से बाहर भी राजनीतिक असंतोष को दबाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, रिपोर्ट में लगाए गए आरोप किसी ठोस सबूत पर आधारित नहीं थे, जिसके चलते भारत ने इसे गैर-जरूरी और एकतरफा बताया है।
भारत का कड़ा और सीधा जवाब
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस रिपोर्ट पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हम ब्रिटेन की संसदीय समिति की रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज करते हैं। यह रिपोर्ट तथ्यहीन, बेबुनियाद और पूर्वाग्रह से प्रेरित है।” उन्होंने आगे कहा कि भारत एक मजबूत और जिम्मेदार लोकतांत्रिक देश है, और इस तरह के आरोप भारत की छवि को गलत तरीके से पेश करते हैं।
प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत हमेशा अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संप्रभुता का सम्मान करता है। उन्होंने ब्रिटेन से आग्रह किया कि वह अपने यहां से भारत विरोधी गतिविधियों को चलाने वाले तत्वों पर लगाम लगाए, जिससे दोनों देशों के संबंध बेहतर हो सकें। भारत ने साफ कहा कि इस तरह की रिपोर्ट भारत के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी है और यह दोनों देशों के बीच भरोसे को कमजोर करती है।
कूटनीतिक संबंधों में बढ़ा तनाव
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत चल रही है। इस तरह के मुद्दे दोनों देशों के बीच चल रही वार्ताओं को प्रभावित कर सकते हैं। खालिस्तानी तत्वों की गतिविधियों को लेकर भारत पहले भी ब्रिटेन और कनाडा से अपनी चिंताएं जाहिर कर चुका है। भारत का मानना है कि इन देशों में मौजूद भारत विरोधी तत्व द्विपक्षीय संबंधों को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस घटना के बाद, यह साफ है कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक स्तर पर और अधिक बातचीत की आवश्यकता होगी। भारत ने अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है, और अब यह देखना बाकी है कि ब्रिटेन इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है।
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