जी20 की शीर्ष मंत्रिस्तरीय बैठक और आज कोलकाता में जी20 भ्रष्टाचार विरोधी कार्य समूह की अंतिम बैठक से पहले भारत भगोड़े आर्थिक अपराधियों के विषय में जी20 देशों के बीच आम सहमति चाहता है : डॉ. जितेन्द्र सिंह

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12अगस्त। शीर्ष जी20 मंत्रिस्तरीय बैठक और कल कोलकाता में होने वाली जी20 भ्रष्टाचार विरोधी कार्य समूह (एसीडब्ल्यूजी) की अंतिम बैठक से पहले भारत भगोड़े आर्थिक अपराधियों के मामले में जी20 देशों के बीच सर्वसम्मति चाहता है ताकि भगोड़े आर्थिक अपराधियों का तेजी से प्रत्यर्पण और घरेलू स्तर पर तथा विदेश में भी संपत्ति की वसूली सुनिश्चित की जा सके।

यह बात भारत के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कोलकाता रवाना होने से पहले दूरदर्शन समाचार को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कही। उन्होंने कहा यह जी20 बैठक सर्वसम्मत दृष्टिकोण के लिए अच्छी प्रगति कर रही है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ही अर्जेंटीना के ब्यूनस में जी20 शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए नौ सूत्री कार्यक्रम प्रस्तुत किया था। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने कानूनी प्रक्रियाओं यथा अपराध से हुई आय को प्रभावी ढंग से रोकने, अपराधियों की शीघ्र वापसी तथा अपराध की आय के कुशल प्रत्यावर्तन के महत्व को बताया था।

भारत के मंत्री ने कहा कि आर्थिक अपराध अनेक लोगों के सामने एक समस्या रही है, विशेषकर जब अपराधी देश के अधिकार क्षेत्र से भाग जाते हैं और जहां तक भगोड़े आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण और संपत्ति की वसूली का प्रश्न है सभी देश एक विचार के हैं लेकिन इस संबंध में सदस्य देशों के अलग-अलग कानून समस्या पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि इस खतरे से निपटने में सामूहिक और संयुक्त कार्रवाई के लिए पहले से ही आम सहमति बन रही है और समस्या से निपटने के लिए परिष्कृत प्रौद्योगिकियों की तैनाती की संभावनाओं का भी पता लगाया जा रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि भारत ने इस वर्ष मई में उत्तराखंड के ऋषिकेश में दूसरी जी20 एसीडब्ल्यूजी बैठक के अवसर पर “भ्रष्टाचार विरोधी रणनीतियों के साथ लैंगिक संवेदनशीलता को बढ़ाने पर जी20 के परिप्रेक्ष्य” की खोज पर एक विशिष्ट कार्यक्रम आयोजित किया था। इसमें जी20 देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के उच्च स्तरीय मुख्य वक्ताओं और सरकारी विशेषज्ञों की भागीदारी देखी गई।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर, केंद्रशासित प्रदेशों और पर्यटन स्थलों सहित देश के विभिन्न भागों में जी20 बैठकों की एक श्रृंखला का उल्लेख करते हुए कहा कि इसने भारत को न केवल विभिन्न क्षेत्रों में अपनी शक्ति दिखाने का अवसर दिया, बल्कि भारत की विविध संस्कृति और विविधता को भी दिखाया, जिसे प्रधानमंत्री मोदी एक स्थायी संपत्ति के रूप में बदलने का प्रयास कर रहे हैं।

भारत की अध्यक्षता में जी20 भ्रष्टाचार विरोधी कार्यसमूह (एसीडब्ल्यूजी) की तीसरी और अंतिम बैठक 9 से 11 अगस्त 2023 तक कोलकाता में हो रही है। बैठक में जी20 सदस्यों, 10 आमंत्रित देशों तथा विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 154 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इसके बाद 12 अगस्त 2023 को जी20 भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक होगी।

सकी अध्यक्षता विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह करेंगे। यह जी20 एससीडब्ल्यूजी की अब तक की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक और व्यक्तिगत उपस्थिति वाली एसीडब्ल्यूजी मंत्रिस्तरीय बैठक होगी। मंत्रिस्तरीय विचार-विमर्श भ्रष्टाचार से निपटने में एक और राजनीतिक प्रोत्साहन प्रदान करेगा क्योंकि एसीडब्ल्यूजी भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

भारत की जी20 अध्यक्षता के अंतर्गत एसीडब्ल्यूजी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2018 में जी20 देशों को प्रस्तुत भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई और संपत्ति की वसूली के लिए नौ सूत्रीय एजेंडा द्वारा निर्देशित, भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई और संपत्ति की वापसी के संबंध में भ्रष्टाचार विरोधी सहयोग पर महत्वपूर्ण प्रगति हासिल करने में सक्षम रहा है।

ये व्यावहारिक और कार्रवाई-उन्मुख उच्चतम-स्तरीय प्रतिबद्धताएं भ्रष्टाचार के अपराधों की रोकथाम, पता लगाने, जांच और मुकदमा चलाने, घरेलू भ्रष्टाचार-विरोधी संस्थागत ढांचे को मजबूत बनाने, भगोड़े आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण और विदेशी न्यायालयों से ऐसे अपराधियों की संपत्ति की वसूली में योगदान देंगी।

भ्रष्टाचार को रोकने और मुकाबला करने के लिए उत्तरदायी सार्वजनिक निकायों और प्राधिकरणों की ईमानदारी और प्रभावशीलता को बढ़ावा देने पर उच्च-स्तरीय सिद्धांत भ्रष्टाचार विरोधी संस्थानों की स्वतंत्रता, पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूत करने के लिए एक मार्गदर्शक ढांचा प्रदान करेंगे। यह संस्थागत कमजोरी और उत्तरदायित्व की कमी सहित भ्रष्टाचार के मूल कारण का समाधान करने में सहायता करेगा।

भ्रष्टाचार से निपटने के लिए संपत्ति वसूली व्यवस्था को मजबूत बनाने पर उच्च-स्तरीय सिद्धांत अपराध की आय की शीघ्र वसूली के लिए एक मजबूत और प्रभावी ढांचे की स्थापना का समर्थन करने के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों का एक सेट है। ये सिद्धांत उन आर्थिक अपराधियों को रोकेंगे जो विदेशी क्षेत्राधिकारों में शरण लेना चाहते हैं।

भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कानून प्रवर्तन से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सूचना साझाकरण को मजबूत करने पर उच्च-स्तरीय सिद्धांत कानून लागू करने वाली एजेंसियों और देशों के बीच सूचना साझाकरण के माध्यम से अंतर-एजेंसी सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने के लिए एक 6-सूत्रीय योजना है। यह भ्रष्टाचार के अपराधों के खिलाफ समय पर और प्रभावी कार्रवाई, अपराधियों के खिलाफ मुकदमा चलाने और अपराधों से प्राप्त आय की वसूली सुनिश्चित करेगा।

एसीडब्ल्यूजी भ्रष्टाचार से निपटने में ऑडिट संस्थानों की भूमिका पर भी फोकस कर रहा है। इससे पहले, वर्ष में लोक प्रशासन और सार्वजनिक सेवाओं के वितरण तथा भ्रष्टाचार के लिंग संबंधी मुद्दों में भ्रष्टाचार को कम करने में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के उपयोग को उजागर करने के लिए अतिरिक्त कार्यक्रम भी आयोजित किए गए थे। भारत की अध्यक्षता में शुरू की गई महिलाओं पर भ्रष्टाचार के प्रभाव पर चर्चा से भ्रष्टाचार विरोधी रणनीतियों में लिंग-संवेदनशील और लिंग-उत्तरदायी दृष्टिकोण अपनाने के लिए सामूहिक पहल की दिशा में और ठोस कार्रवाई होगी।

कोलकाता में तीसरी एसीडब्ल्यूजी बैठक एसीडब्ल्यूजी के भविष्य के काम को दिशा देगी और भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान कानून प्रवर्तन सहयोग, संपत्ति वसूली तंत्र को मजबूत बनाने और भ्रष्टाचार विरोधी अधिकारियों की निष्ठा और प्रभावशीलता को बढ़ाने पर की गई प्रतिबद्धताओं को आगे बढ़ाएगी।

यह बैठक जी20 सदस्यों, आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों (आईओ) द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में भ्रष्टाचार से निपटने से संबंधित मूल्यवान अंतर्दृष्टि और श्रेष्ठ व्यवहारों के आदान-प्रदान को भी सक्षम बनाएगी। सिविल सोसाइटी (सी20), महिला समूह (डब्ल्यू20), थिंक टैंक (टी20), सुप्रीम ऑडिट इंस्टीट्यूशंस (एसएआई20) और बिजनेस ग्रुप (बी20) सहित जी20 सहयोग समूह (ईजी) भी भ्रष्टाचार विरोधी काम में अपने क्षेत्र के मुद्दों पर जी20 एसीडब्ल्यूजी को अपडेट करेंगे।

भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक में इन चर्चाओं का प्रभाव होगा। दूसरी जी20 भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक 2010 में अपनी स्थापना के बाद से समूह की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो एक बहुमुखी चुनौती के रूप में भ्रष्टाचार की बढ़ती मान्यता को दिखाती है जो वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार से निपटने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और मजबूत राजनीतिक प्रोत्साहन की मांग करती है।

Comments are closed.