भारत दौरे पर चीन के विदेश मंत्री वांग यी, डोभाल और जयशंकर से मुलाकात; ट्रंप के टैरिफ के बीच भारत-चीन नजदीकियों के मायने
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19 अगस्त: चीन के विदेश मंत्री वांग यी इन दिनों दो दिन की भारत यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। मंगलवार को वांग यी और डोभाल के बीच दिल्ली के हैदराबाद हाउस में भारत-चीन सीमा विवाद पर 24वें दौर की विशेष प्रतिनिधि (एसआर) वार्ता हुई। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की है।
डोभाल और वांग यी की मुलाकात
वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने और स्थायी शांति स्थापित करने पर चर्चा की। इसके अलावा व्यापार, तीर्थयात्रा और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने जैसे अहम मुद्दे भी उठे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह दौरा भारत की पहल पर हुआ और वांग यी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने वाले हैं।
ट्रंप का टैरिफ और भारत-चीन की नजदीकी
वांग यी का भारत दौरा तब हुआ है, जब ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया, जिसमें रूस से तेल आयात पर 25% अतिरिक्त शुल्क शामिल है। इससे भारत-अमेरिका रिश्तों में तनाव देखा जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत और चीन को एक-दूसरे के करीब ला रहा है। खासकर 2020 के गलवान संघर्ष के बाद जहां रिश्तों में खटास आई थी, वहीं अब कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली और सीधी उड़ानों पर चर्चा जैसे फैसले रिश्तों में सुधार का संकेत दे रहे हैं।
मुलाकात के तीन बड़े मायने
- सीमा पर शांति:
दोनों देशों ने 2024 के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में गश्ती व्यवस्था को लेकर समझौता किया था। इस वार्ता से एलएसी पर तनाव और कम करने की दिशा में कदम बढ़ा है। - आर्थिक सहयोग:
सूत्रों के अनुसार, चीन ने भारत की रेयर अर्थ, उर्वरक और टनल बोरिंग मशीनों से जुड़ी चिंताओं पर ध्यान देने का आश्वासन दिया है। व्यापार और कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाने पर भी सहमति बनी है। - वैश्विक मंच पर एकजुटता:
यह मुलाकात पीएम मोदी की एससीओ समिट (31 अगस्त-1 सितंबर 2025) से पहले हुई है। माना जा रहा है कि भारत और चीन इस मंच पर सहयोग बढ़ाकर ट्रंप की टैरिफ नीति का संतुलित जवाब देंगे।
विशेषज्ञों की राय
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि मतभेदों को विवाद में नहीं बदलना चाहिए और विश्वास बहाली की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है। वहीं, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का टैरिफ दांव उल्टा पड़ सकता है, क्योंकि भारत और चीन अब वैश्विक चुनौतियों का सामना मिलकर करने की तैयारी कर रहे हैं।
वांग यी और अजित डोभाल की मुलाकात केवल सीमा विवाद सुलझाने का प्रयास नहीं है, बल्कि यह वैश्विक दबावों के बीच भारत और चीन की एकजुटता का संदेश भी देती है। ट्रंप की टैरिफ नीति के बीच यह दौरा भारत-चीन संबंधों में नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।
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