समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 8 सितंबर: भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने रविवार को महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियों पर दिए गए तेज़ प्रतिक्रिया का स्वागत करते हुए कहा कि दोनों देशों की सरकारों और राजनयिकों को गंभीर सुधार कार्यों की आवश्यकता है।
थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ने दोनों देशों के बीच गहन और व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी पर जोर दिया, जो अब भी बरकरार है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारतीयों को जो परिणाम भुगतने पड़े, उन्हें ध्यान में रखते हुए ट्रंप द्वारा की गई चोट और अपमान को इतनी जल्दी माफ नहीं किया जा सकता।
“नए माहौल का स्वागत सावधानी से करूंगा”
एएनआई से बातचीत में थरूर ने कहा, “प्रधानमंत्री ने बहुत तेजी से प्रतिक्रिया दी और विदेश मंत्री ने भी रिश्तों के महत्व को उजागर किया। लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सुधारात्मक कदम उठाए जाएँ। इस नए माहौल का मैं सावधानीपूर्वक स्वागत करूंगा। कोई भी इतनी जल्दी भूलकर माफ नहीं कर सकता, क्योंकि भारतीयों को जमीनी स्तर पर वास्तविक परिणामों का सामना करना पड़ा है।”
उन्होंने यह भी बताया कि 50 प्रतिशत टैरिफ और अमेरिकी अधिकारियों द्वारा किए गए अपमान को पूरी तरह भुलाया नहीं जा सकता। थरूर ने कहा कि ट्रंप का स्वभाव अस्थिर है और उनकी टिप्पणियों से भारत में पीड़ा और अपमान हुआ।
राष्ट्रपति ट्रंप का बयान और पीएम मोदी की प्रतिक्रिया
इससे पहले, शुक्रवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत-अमेरिका संबंधों को “बहुत ही खास” बताया और कहा कि वे और पीएम मोदी हमेशा दोस्त रहेंगे। पीएम मोदी ने X (पूर्व Twitter) पर पोस्ट करते हुए कहा कि उन्होंने ट्रंप की भावनाओं और दोनों देशों के सकारात्मक संबंधों की गहराई से सराहना की।
रूस के साथ व्यापार और तेल खरीद पर थरूर की राय
शशि थरूर ने अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक की टिप्पणियों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत ने रूस से तेल खरीदने के लिए वैश्विक तेल कीमतों को स्थिर करने की दिशा में परिपक्वता दिखाई। थरूर ने बताया कि अन्य देशों जैसे चीन और तुर्की रूस से भारत से अधिक तेल और गैस खरीद रहे हैं, जबकि यूरोप अन्य रूसी वस्तुएं खरीदता है।
थरूर ने यह भी कहा कि भारत को अपने संपूर्ण संप्रभु अधिकारों का उपयोग करते हुए निर्णय लेने का अधिकार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका की नीति में भारत के खिलाफ कुछ गलतियां हुई हैं, लेकिन यह न्यायसंगत नहीं है कि केवल भारत को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाए।शशि थरूर का बयान यह स्पष्ट करता है कि भारत-अमेरिका संबंधों में सुधार की गुंजाइश है। पीएम मोदी की तेज प्रतिक्रिया से सकारात्मक संदेश गया, लेकिन सावधानी और रणनीतिक सुधार दोनों ही आवश्यक हैं। भारत की संप्रभुता और वैश्विक कूटनीति की स्थिरता को बनाए रखते हुए, भविष्य में इन संबंधों को मजबूत करना होगा।
Comments are closed.