भारत करेगा आतंकवाद का खात्मा, 1 अगस्त से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कमान संभालेगा अपना देश

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 31 जुलाई। कल यानि 1 अगस्त से एक महीने के लिए भारत के हाथों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कमान होगी जो भारत के लिए आतंकवाद को खत्म करने में अहम भुमिका निभाएगा। जी हां भारत कल से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभालेगा और इस महीने के दौरान समुद्री सुरक्षा, शांति स्थापना की कवायद करने और आतंकवाद पर कड़ा प्रहार करने को तैयार है।
महासभा अध्यक्ष के कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने यूएन महासभा प्रमुख को भारत की अध्यक्षता के दौरान होने वाली मुख्य गतिविधियों से अवगत कराया है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने 15 राष्ट्रों के शक्तिशाली संयुक्त राष्ट्र निकाय की भारत द्वारा अध्यक्षता संभाले जाने से पहले एक वीडियो संदेश में कहा कि हमारे लिए उसी माह में सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभालना विशेष सम्मान की बात है जिस माह हम अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बतौर अध्यक्ष भारत का पहला कार्य दिवस सोमवार यानी 2 अगस्त होगा। तिरुमूर्ति महीने भर के लिए परिषद के कार्यक्रमों पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मिश्रित संवाददाता सम्मेलन करेंगे यानी कुछ लोग वहां मौजूद होंगे तथा अन्य वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़ सकते हैं।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी कार्यक्रम के मुताबिक तिरुमूर्ति संयुक्त राष्ट्र के उन सदस्यों देशों को भी कार्य विवरण उपलब्ध कराएंगे जो परिषद के सदस्य नहीं हैं। बता दें कि सुरक्षा परिषद के एक अस्थायी सदस्य के रूप में भारत का दो साल का कार्यकाल 1 जनवरी, 2021 को शुरू हुआ। यह सुरक्षा परिषद के गैर स्थायी सदस्य के तौर पर 2021-22 कार्यकाल के दौरान भारत की पहली अध्यक्षता है। भारत अगले साल दिसंबर में फिर से सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करेगा।
अपनी अध्यक्षता के दौरान भारत समुद्री सुरक्षा, शांति रक्षा और आतंकवाद को रोकने जैसे विषयों पर ध्यान देगा तथा इन मुद्दों पर उच्च स्तरीय कार्यक्रमों की अध्यक्षता करेगा और ठोस रणनीति बनाने पर जोर देगा। तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत परिषद के भीतर और बाहर दोनों जगह आतंकवाद से लड़ने पर जोर देता रहा है। हमने आतंकवाद से लड़ने के प्रयासों को न केवल मजबूत किया है खासतौर से आतंकवाद के वित्त पोषण को, बल्कि हमने आतंकवाद पर ध्यान को कमजोर करने की कोशिशों को भी रोका है।

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