समग्र समाचार सेवा
गंगटोक, एजेंसी। भारतीय सेना के बहादुर जवानों ने उत्तरी सिक्किम के युमथांग घाटी में फंसे महिलाओं और बच्चों समेत 74 पर्यटकों को बचाया है। रक्षा मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी गई। इसमें कहा गया कि यहां हुए भूस्ख्लन में अब तक किसी की जान नहीं गई है।
विज्ञप्ति के अनुसार युमथांग घाटी से 19 किलोमीटर की दूरी पर हुए भीषण भूस्खलन के कारण यहां फंसे पर्यटकों की जानकारी मिलते ही पूर्वी कमान अंन्तर्गत सेना के त्रिशक्ति कोर के वीर जवानों ने बुधवार को उन्हें वहां से सुरक्षित निकाला। पर्यटकों को वहां से सुरक्षित निकालने के बाद उन्हें खाने के लिए भोजन और चिकित्सकीय देखभाल मुहैया कराया गया।
भारतीय सेना इस तरह के बचाव अभियानों में अपनी जान की बाजी लगाकर लोगों को बचाने के लिए मशहूर हैं। इनकी बहादुरी का कोई मुकाबला नहीं है। अभी कुछ दिनों पहले ही भारतीय वायु सेना के वीर जवानों ने लद्दाख के निमालिंग कैंप के पास मारखा वैली से इजरायल के एक नागरिक को सुरक्षित निकाल लिया।
इस शख्स का नाम अतर कहाना है। वह इस जगह ट्रेकिंग के लिए आए थे। हालांकि उन्हें रास्ते में ऑक्सीजन में कमी होने, उल्टी आने और ऊंचाई से जुड़ी कई अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। कोई रास्ता न सूझने पर उन्होंने आखिरकार सेना से मदद की गुहार लगाई।
इसके बाद भारतीय वायु सेना की 114 हेलिकाप्टर यूनिट ने बचाव अभियान चलाया और 16800 फीट की ऊंचाई पर स्थित मारखा वैली के निमालिंग कैंप से अतर को बचा लिया।
Comments are closed.