यमन में भारतीय नर्स निमिषा को फांसी से बचाने की आखिरी कोशिश

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14 जुलाई: केरल की रहने वाली 38 साल की नर्स निमिषा प्रिया की जिंदगी अब सिर्फ कुछ घंटों की मेहमान है। यमन की अदालत ने उन्हें 16 जून को फांसी देने का आदेश दिया है। निमिषा को 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर की हत्या का दोषी पाया गया था। 2020 में मौत की सजा सुनाई गई और 2023 में अंतिम अपील भी खारिज हो चुकी है। अब परिवार और सरकार दोनों आखिरी कोशिशों में जुटे हैं कि किसी तरह उनकी फांसी को रोका जा सके।

ब्लड मनी ही आखिरी उम्मीद

निमिषा को बचाने के लिए ब्लड मनी का विकल्प सामने आया है। उनके परिवार ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि पीड़ित परिवार को 10 लाख डॉलर देने की अनुमति दी जाए, ताकि यमन की अदालत में हत्या पीड़ित के परिवार को यह राशि देकर फांसी माफ कराई जा सके। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील की है

MEA ने दी फांसी पर जानकारी

निमिषा अकेली नहीं हैं जिन पर विदेश में मौत की सजा लटक रही है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक इस वक्त खाड़ी देशों में कुल 54 भारतीय नागरिक मौत की सजा पाए हुए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 29 भारतीय संयुक्त अरब अमीरात में हैं, वहीं सऊदी अरब में 12, कुवैत में 3 और कतर में एक भारतीय को मृत्युदंड मिला है। यह आंकड़े बताते हैं कि खाड़ी देशों में काम करने वाले भारतीयों की कानूनी परेशानियां कितनी गंभीर हो सकती हैं

सरकार के लिए भी अग्निपरीक्षा

निमिषा की सजा ने सरकार को भी कड़ी परीक्षा में डाल दिया है। विदेश मंत्रालय लगातार यमनी अधिकारियों के संपर्क में है। परिवार की तरफ से भी सभी जरूरी दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं ताकि ब्लड मनी का प्रस्ताव अदालत के सामने पेश किया जा सके। अगर अंतिम वक्त तक कोई सहमति नहीं बनी तो निमिषा को तय तारीख पर फांसी दी जाएगी।

 

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