समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,5 अप्रैल।प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने भारतीय रेलवे की चार महत्वपूर्ण मल्टि-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत ₹18,658 करोड़ है और यह वर्ष 2030-31 तक पूरी की जाएंगी। इनका उद्देश्य रेलवे लाइन की क्षमता बढ़ाना और माल व यात्री परिवहन को तेज व सुगम बनाना है।
महाराष्ट्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के 15 जिलों में लागू होने वाली इन परियोजनाओं से भारतीय रेलवे नेटवर्क में लगभग 1247 किलोमीटर की वृद्धि होगी। यह परियोजनाएं विशेष रूप से कोयला, लौह अयस्क और अन्य खनिजों की ढुलाई में सुधार लाकर लॉजिस्टिक्स दक्षता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगी।
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संबलपुर – जरापड़ा तीसरी और चौथी लाइन
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झारसुगुड़ा – सासन तीसरी और चौथी लाइन
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खरसिया – नया रायपुर – परमालकसा पांचवी और छठी लाइन
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गोंदिया – बल्हारशाह डबलिंग
इन परियोजनाओं से रेलवे की गतिशीलता और सेवा की विश्वसनीयता में वृद्धि होगी, साथ ही अत्यधिक व्यस्त रेलखंडों पर संचालन में आसानी और भीड़भाड़ में कमी आएगी।
इन मल्टि-ट्रैकिंग परियोजनाओं से लॉजिस्टिक्स लागत में उल्लेखनीय गिरावट आएगी, जिससे देश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी। इसके अलावा, यह पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगी। अनुमान है कि इससे 95 करोड़ लीटर तेल आयात की आवश्यकता कम होगी और 477 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कटौती होगी, जो कि 19 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
निर्माण चरण के दौरान ये परियोजनाएं लगभग 379 लाख मानव-दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करेंगी। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नए भारत के विज़न के अनुरूप यह परियोजनाएं स्थानीय विकास को बढ़ावा देकर लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित होंगी।
इन परियोजनाओं के तहत 19 नए रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे करीब 3350 गांवों और 47.25 लाख की आबादी को बेहतर रेल संपर्क मिलेगा। साथ ही, दो आकांक्षी जिलों — गडचिरोली और राजनांदगांव को भी इससे सीधा लाभ होगा।
विशेष रूप से खरसिया – नया रायपुर – परमालकसा रेलखंड से बलौदा बाजार जैसे नए क्षेत्रों को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे वहां सीमेंट संयंत्र जैसे नए औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के अवसर बढ़ेंगे।
ये सभी परियोजनाएं पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत एकीकृत योजना के तहत संभव हो पाई हैं, जिनका उद्देश्य मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
इन मल्टि-ट्रैकिंग परियोजनाओं के माध्यम से भारतीय रेलवे न केवल भविष्य की जरूरतों को पूरा करने की ओर बढ़ रहा है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत और सतत विकास की दिशा में भी मजबूती से कदम बढ़ा रहा है।
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