संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधि ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,28 सितम्बर। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधि ने पाकिस्तान पर कड़ा हमला बोलते हुए उस पर सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाया। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद को अपने पड़ोसी देशों के खिलाफ एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करता आ रहा है, और यह पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए खतरा है।

सीमा पार आतंकवाद का आरोप:

भारतीय प्रतिनिधि ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह अपने भू-राजनीतिक हितों को साधने के लिए आतंकवादी समूहों को समर्थन देता है और इनका उपयोग भारत समेत अन्य पड़ोसी देशों में अस्थिरता फैलाने के लिए करता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की इस नीति ने पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र की शांति को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। भारत में होने वाले कई आतंकी हमलों की जड़ें पाकिस्तान में पाई गई हैं, और इसके खिलाफ भारत ने समय-समय पर सख्त कदम उठाए हैं।

आतंकवाद का हथियार के रूप में इस्तेमाल:

भारतीय प्रतिनिधि ने अपने बयान में यह स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को एक “राजनीतिक हथियार” के रूप में अपनाया है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी समूहों को संरक्षण देने और उनके जरिए हिंसा को बढ़ावा देना पाकिस्तान की सरकारी नीति का हिस्सा बन गया है। भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बार-बार पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया है और यह साफ किया है कि ऐसे तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जरूरी है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील:

भारतीय प्रतिनिधि ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह पाकिस्तान पर दबाव बनाए ताकि वह अपनी आतंकवाद समर्थक नीतियों को बंद करे। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है और इसके खिलाफ पूरी दुनिया को एकजुट होकर कार्रवाई करनी चाहिए। भारत ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी देशों का सहयोग और समर्थन आवश्यक है, ताकि इस वैश्विक खतरे को जड़ से समाप्त किया जा सके।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया:

दूसरी ओर, पाकिस्तान ने भारत के इन आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि वह खुद आतंकवाद का शिकार है। पाकिस्तान का दावा है कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ है और भारत द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं। हालांकि, भारत ने इस दावे को झूठा बताते हुए कहा कि पाकिस्तान के पास आतंकवाद को बढ़ावा देने का लंबा इतिहास है, और इसके प्रमाण बार-बार सामने आ चुके हैं।

निष्कर्ष:

भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद का मुद्दा लंबे समय से तनाव का प्रमुख कारण रहा है। संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत ने पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थक नीतियों को उजागर करने का प्रयास किया है। आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत का यह रुख महत्वपूर्ण है, और यह देखना होगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर कैसी प्रतिक्रिया देता है।

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