कतर में भारतीय टेक महिंद्रा इंजीनियर हिरासत में, परिवार ने पीएम मोदी से की हस्तक्षेप की अपील

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,25 मार्च।
भारतीय आईटी कंपनी टेक महिंद्रा के एक इंजीनियर को कतर में हिरासत में लिए जाने की खबर से परिवार में गहरी चिंता का माहौल है। परिवार ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दखल देने की अपील की है, ताकि जल्द से जल्द उनका रिहाई सुनिश्चित की जा सके।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेक महिंद्रा के एक भारतीय इंजीनियर को कतर में कुछ दिनों पहले अचानक हिरासत में ले लिया गया। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उन्हें किन आरोपों के तहत पकड़ा गया है। हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है

परिवार का कहना है कि उन्हें कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई है और वे अपने परिजन की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

हिरासत में लिए गए इंजीनियर के परिजनों ने भारत सरकार और विदेश मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जाए और कूटनीतिक स्तर पर हस्तक्षेप कर भारतीय नागरिक की रिहाई सुनिश्चित की जाए

परिवार ने कहा,
“हम अपने बेटे की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं। हमें उम्मीद है कि भारत सरकार इस मामले को गंभीरता से लेगी और उसे जल्द से जल्द वापस लाने की कोशिश करेगी।”

भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस मामले पर ध्यान दिया है और कतर में भारतीय दूतावास को आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, दूतावास कतर के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है और मामले की विस्तृत जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहा है।

  • भारत सरकार कूटनीतिक प्रयासों के जरिए इंजीनियर की रिहाई की कोशिश कर सकती है।

  • कतर में भारतीय दूतावास कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हो सकता है।

  • परिवार को नियमित अपडेट देने और उनकी चिंताओं का समाधान करने के लिए भारतीय अधिकारी सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।

यह मामला विदेशों में काम कर रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और अधिकारों से जुड़ा एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है। परिवार को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्रालय जल्द से जल्द कार्रवाई करेंगे और उनके परिजन को सुरक्षित भारत वापस लाया जाएगा।

अब देखने वाली बात होगी कि कतर प्रशासन इस मामले में क्या रुख अपनाता है और भारतीय सरकार की कूटनीतिक कोशिशें कितनी कारगर साबित होती हैं।

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