भारतीय विश्वविद्यालयों को वैश्विक मान्यता मिल रही है: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह के समापन समारोह को किया संबोधित

कुमार राकेश

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारतीय विश्‍वविद्यालयों को उनकी भविष्‍यवादी नीतियों और निर्णयों के कारण शिक्षा क्षेत्र में वैश्‍विक मान्‍यता मिल रही हे। आज विश्‍वविद्यालय के शताब्‍दी समारोह के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक समय था जब दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय में मात्र तीन कॉलेज थे लेकिन अब इनके सम्‍बद्ध कॉलेजों की संख्‍या 90 से अधिक है। उन्‍होंने कहा कि एक समय था जब भारत का नाम कमजोर अर्थव्‍यवस्‍था वाले देशों की सूची में शामिल था, लेकिन आज भारत विश्‍व की पांच शीर्ष अर्थव्‍यवस्‍थाओं में शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2014 में केवल 12 भारतीय विश्‍वविद्यालय क्‍यू एस विश्‍व रैकिंग में शामिल थे और आज इनकी संख्‍या बढ़कर 45 हो गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय ने ऐसे समय में अपने 100 वर्ष पूरे किये हैं जब भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के सिलसिले में अमृत महोत्‍सव मनाया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय मात्र विश्‍वविद्यालय नहीं बल्कि एक आंदोलन है। उन्‍होंने कहा कि दिल्‍ली विश्‍वद्यिालय में पुरूष विद्यार्थियों की तुलना में महिला विद्यार्थियों की संख्‍या अधिक है जो लैंगिंक अनुपात में महत्‍वपूर्ण सुधार का परिचायक है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देशभर में बड़ी संख्‍या में कॉलेज और विश्‍वविद्यालयों की स्‍थापना हो रही है। उन्‍होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में आई आई टी, आई आई एम, एन आई टी और ए आई आई एम एस जैसे संस्‍थानों की संख्‍या बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सभी संस्‍थान नये भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की ताकत देश के युवाओं के लिए सफलता की गाथा बन सकती है। उन्‍होंने कहा कि युवाओं को अपनी मानसिकता को स्‍वरूप देना होगा और विश्‍वविद्यालयों को युवाओं को उनके लक्ष्‍यों और उद्देश्‍य की प्राप्ति में सहयोग करना होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का युवा कुछ नया करना चाहता है। केवल डिग्री प्राप्‍त करने तक उसका उद्देश्‍य सीमित नहीं है। उन्‍होंने कहा कि आज का युवा अपनी अलग राह बनाने का लक्ष्‍य रखता है।

इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने कहा कि पिछले 100 वर्षों में दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय ने देश को अनेक वैज्ञानिक, जन नेता, उद्योगपति और पत्रकार दिये हैं। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में सरकार ने 34 वर्षों के बाद नई शिक्षा नीति लागू की है। धर्मेन्‍द्र प्रधान ने नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय को बधाई दी।

प्रधानमंत्री मोदी मेट्रो से दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय पहुंचे। उन्‍होंने दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के छात्रों से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय कम्‍प्‍यूटर केंद्र और प्रौद्योगिकी संकाय तथा अकादमिक ब्‍लॉक के भवन का शिलान्‍यास किया। ये तीनों भवन विश्‍वविद्यालय के उत्‍तरी परिसर में बनाए जाएंगे।

दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना 01 मई, 1922 को हुई थी। पिछले 100 वर्षों में विश्‍वविद्यालय का बड़े स्‍तर पर विस्‍तार हुआ है और अब विश्‍वविद्यालय में 86 शिक्षण विभाग तथा 90 सम्‍बद्ध कॉलेज हैं। विश्‍वविद्यालय से अब तक छह लाख से अधिक छात्र डिग्री ले चुके हैं।

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