भारतीय युवा आज आकांक्षाओं की सीमाओं से बंधन मुक्त है क्योंकि अब उपलब्ध कई नए अवसर उसे उसकी अंतर्निहित योग्यतानुसार आजीविका के अवसर प्रदान करते हैं: डॉ जितेंद्र सिंह
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7सिंतबर। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, भारतीय युवा आज आकांक्षाओं के बंधन से मुक्त हैं क्योंकि अब उसकी योग्यता के अनुसार आजीविका के विभिन्न अवसर उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि इसमें से बहुत सारी संभावनाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लाए गए अभूतपूर्व सुधारों के कारण संभव हुई हैं, जिनमें स्टार्टअप नीति, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020, अंतरिक्ष क्षेत्र और ड्रोन विनियमन, नई भू-स्थानिक नीति, राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन आदि शामिल हैं।
नई दिल्ली में केएएमपी प्रतिभा उत्सव-2023 को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह भारत का सर्वोत्तम समय है और चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण ने भारतीय छात्रों में वैश्विक आकांक्षाओं को जागृत किया है। उन्होंने कहा, चंद्रयान-3 के बाद सूर्य का अध्ययन करने वाला आदित्य एल1 का लॉन्च हुआ और दो दिन पश्चात भारत दिल्ली में ऐतिहासिक जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा इन सभी का श्रेय हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) की शुरुआत की जो भारत में छात्रों और युवाओं के लिए नए करियर और उद्यमिता के अवसर खोलने के वादे के साथ स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को संपूर्ण बनाती है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, एकाधिक प्रवेश/निकास के विकल्प का प्रावधान संजोया जाना चाहिए क्योंकि इस शैक्षणिक लचीलेपन से छात्र, शिक्षा और अंतर्निहित योग्यता के आधार पर अलग-अलग समय में करियर के विभिन्न अवसरों का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रवेश/निकास विकल्प भविष्य में शिक्षकों के लिए भी चुना जा सकता है, जिससे उन्हें करियर में लचीलापन और उन्नयन के अवसर मिलेंगे, ऐसा कि कुछ पश्चिमी देशों और अमेरिका में किया जाता है।
नई शिक्षा नीति-2020 का एक उद्देश्य डिग्री को शिक्षा से अलग करना है, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि डिग्री को शिक्षा से जोड़ने से हमारी शिक्षा प्रणाली और समाज पर असर पड़ा है और इसके परिणाम स्वरूप शिक्षित बेरोजगारों की संख्या में वृद्धि है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने मोदी शासन के 9 वर्षों का जिक्र करते हुए बताया कि औपचारिक नौकरियों के अलावा, देश के युवाओं के लिए सरकारी क्षेत्र के बाहर लाखों अवसर और आजीविका के मार्ग बनाए गए, चाहे वह स्टार्ट-अप हो, मुद्रा योजना हो, पीएम स्वनिधि हो।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जून 2020 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने के बाद, अंतरिक्ष स्टार्टअप की संख्या मात्र 4 से बढ़कर 150 हो गई और उनमें से अधिकांश का नेतृत्व विज्ञान के छात्रों, शोधकर्ताओं और उद्यमियों द्वारा किया जा रहा है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2014 से पहले लगभग 350 स्टार्टअप थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस संबोधन में स्टार्टअप का आह्वान किया गया और 2016 में विशेष स्टार्टअप योजना शुरू करने के बाद इनकी संख्या में काफी वृद्धि हुई। अब 1.25 लाख से अधिक स्टार्टअप और 110 से अधिक यूनिकॉर्न काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बायोटेक क्षेत्र में, 2014 में 50 से अधिक स्टार्टअप थे, अब हमारे पास 6,000 बायोटेक स्टार्टअप हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने युवा उपलब्धि हासिल करने वालों को सम्मानित किया और कहा कि वह हमेशा युवा प्रतिभा खोजने में विश्वास करते हैं और उन्होंने केएएमपी को वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए कक्षा V से कक्षा X तक के छात्रों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी। उन्होंने एप्टीट्यूड, गणित से लेकर मैकेनिकल इंजीनियरिंग तक 8 मूलभूत मुद्दों के साथ पाठ्यक्रम को अधिक वैज्ञानिक तरीके से डिजाइन करने के लिए आयोजकों की सराहना की। उन्होंने छात्रों के लिए उचित मेंटरशिप पर विशेष ध्यान देने को कहा।
स्वागत भाषण में, सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की निदेशक डॉ. रंजना अग्रवाल ने कहा, “वन वीक वन लैब” अभियान एक अनूठा मंच है जो प्रत्येक सीएसआईआर प्रयोगशाला को अपनी विरासत, तकनीकी सफलताओं और सफलता की कहानियों को विभिन्न हितधारकों के सामने प्रस्तुत करने में सक्षम बनाता है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह एक लैब अभियान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की पहल है। इस अभियान को वास्तविकता के रूप में परिणत करने में उनका समर्थन और दूरदर्शिता महत्वपूर्ण रही है।”
सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर का एक सप्ताह एक लैब कार्यक्रम 11 सितंबर से 16 सितंबर 2023 तक चलेगा, इस दौरान सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर जनता के लिए उपलब्ध होगा और इस दौरान लोग इन विभागों को देख सकेंगे और इनकी शैक्षणिक और अनुसंधान पहल से परिचित हो सकेंगे। कार्यक्रम में विज्ञान संचार और विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित नीति अनुसंधान से संबंधित विषयों पर लोकप्रिय व्याख्यान, प्रदर्शन, कार्यशालाएं, कठपुतली शो, क्विज़, प्रतियोगिताएं और प्रदर्शनियां भी शामिल भी आयोजित की जाएंगी। यह देश भर में फैली 37 सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में से प्रत्येक को अपने काम और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने का सुअवसर प्रदान करता है।
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