समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,7 अप्रैल। भारत का कम-कार्बन भविष्य की ओर संक्रमण उसके 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर आधारित है। इस दृष्टिकोण को साकार करने का प्रमुख आधार है—भारत की ट्रांसमिशन अवसंरचना—वह अदृश्य ग्रिड जो ऊर्जा को स्रोतों से उपभोक्ताओं तक पहुंचाता है। दुनिया में तीसरे सबसे बड़े बिजली उपभोक्ता के रूप में, भारत के पास 4 लाख सर्किट किलोमीटर से अधिक की ट्रांसमिशन लाइनें हैं। फिर भी, नवीकरणीय स्रोतों के बढ़ते समावेशन और सुरक्षित बिजली पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ट्रांसमिशन उद्योग का रणनीतिक पुनर्निर्माण और उन्नयन अनिवार्य है।
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