समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25 अगस्त: भारत ने रक्षा क्षेत्र में अपनी ताकत का नया सबूत पेश किया है। देश ने अपने पहले इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम (IADWS) का सफल परीक्षण किया है, जिसने एक साथ तीन अलग-अलग लक्ष्यों को मार गिराकर अपनी क्षमता साबित कर दी।
इस हाई-टेक सिस्टम ने दो हाई-स्पीड अनमैन्ड एरियल व्हीकल्स (ड्रोन) और एक मल्टी-कॉप्टर ड्रोन को निशाना बनाया। इसमें इस्तेमाल किए गए हथियारों में क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM), वी-शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS) और लेजर-आधारित डायरेक्टेड एनर्जी वेपन शामिल थे।
इस उपलब्धि के साथ भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जिनके पास लेजर हथियार तकनीक मौजूद है। इसमें अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, जर्मनी और इजरायल जैसे देश पहले से शामिल हैं। यह सिस्टम भारत की नेशनल एयर डिफेंस शील्ड को मजबूत करेगा और मल्टी-लेयर सुरक्षा कवच के निर्माण में अहम भूमिका निभाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी का ‘आत्मनिर्भर रक्षा’ विजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही इस दशक में आत्मनिर्भर और अत्याधुनिक रक्षा प्रणाली स्थापित करने की प्रतिबद्धता जता चुके हैं। यह सफलता उसी दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
चीन की प्रतिक्रिया: चिंता और सवाल
भारत की इस प्रगति ने चीन को असहज कर दिया है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने अपने रक्षा विशेषज्ञों के हवाले से लिखा, “लेजर हथियार का शामिल होना तकनीकी रूप से अहम है, लेकिन इसकी असली युद्ध क्षमता अभी साबित नहीं हुई है।”
बीजिंग की एयरोस्पेस नॉलेज मैगजीन के मुख्य संपादक वांग यानान ने कहा कि नियंत्रित माहौल में टेस्टिंग असली युद्ध स्थितियों का सही आकलन नहीं कर सकती।
चीन की रणनीतिक चुनौती
भारत का यह नया सिस्टम चीन की एंटी-एक्सेस/एरिया डिनायल (A2/AD) रणनीति के लिए चुनौती है। यह रणनीति चीन को दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर में प्रभुत्व बनाए रखने में मदद करती है।
लेकिन भारत का नया एयर डिफेंस सिस्टम ड्रोन, क्रूज मिसाइल और लो-फ्लाइंग एयरक्राफ्ट को रोकने की क्षमता रखता है। इससे चीन की सामरिक बढ़त पर सीधा असर पड़ेगा।
भारत की सैन्य ताकत और भविष्य की तैयारी
भारत पहले ही ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों में अपनी क्षमता दिखा चुका है। अब IADWS की सफलता ने भारत की सैन्य शक्ति को नई ऊंचाई दी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपलब्धि भारत को भविष्य के खतरों से निपटने में सक्षम बनाएगी और पड़ोसी देशों जैसे चीन और पाकिस्तान की चिंता बढ़ाएगी।
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