समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20दिसंबर। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन और श्रम एवं श्रम रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक साख बढ़ी और दुनिया जलवायु परिवर्तन कार्रवाई, नवाचार और प्रौद्योगिकी में भारतीय नेतृत्व को स्वीकार करती है।
विश्व स्तर पर भारत की बढ़ती साख पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यादव ने कहा कि भारत केवल 615 करोड़ रुपये खर्च करके सफलतापूर्वक चंद्रमा पर पहुंच गया। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश है। चंद्रयान-3 के साथ भारत की अंतरिक्ष यात्रा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पहलु आत्मनिर्भरता है। भारत के आरंभिक चन्द्रयान मिशन अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी पर निर्भर थे। चंद्रयान-3 आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत का बढ़ता कदम था।
उन्होंने कहा कि यह सफलता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व से संभव हुई है।
केन्द्रीय मंत्री ने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित किया कि किस प्रकार भारत ने कोविड महामारी के दौरान इससे निपटने की प्रतिक्रिया से विश्व को आश्चर्यचकित कर दिया। जब कोविड महामारी आई, तो दुनिया ने सोचा कि भारत ढह जाएगा लेकिन भारत का पतन नहीं हुआ बल्कि कोविड से निपटने की प्रतिक्रिया दुनिया के लिए मिसाल बन गई। भारत ने न केवल सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया, बल्कि विश्व का सबसे तेज़ टीकाकरण अभियान भी चलाया। इससे ज्यादा और क्या? वैक्सीन भारत में निर्मित थी। भारत ने जरूरतमंद देशों को वैक्सीन देकर उनकी मदद की। भारत के कोविड वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम ने 100 से अधिक देशों की सहायता की है।
कोविड से निपटने की रणनीति के लिए भारत को मिली वैश्विक प्रशंसा पर श्री यादव ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन-डब्ल्यूएचओ ने भी स्वीकार किया है कि ‘एक तैयार भारत एक तैयार दुनिया’है।
भारत के आर्थिक लचीलेपन के बारे में श्री यादव ने कहा कि विश्व में यह भय था कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड के बाद ढह जाएगी, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने संकट को अवसर के रूप में परिवर्तित कर दिया। विश्व ने कोविड से निपटने में भारत के प्रयासों की सराहना की। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक और अन्य जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने चीन और अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए भारत की उल्लेखनीय वी-आकार की तीव्र आर्थिक सुधार प्रकिया को स्वीकार किया।
“जब कई लोगों को संदेह हुआ कि क्या हम आर्थिक प्रगति के मार्ग पर चल पाएंगे, क्या हम ठीक हो जाएंगे, अधिक से अधिक हमारी रिकवरी यू-आकार की होगी-ऐसे संदेह के बीच भारत ने तीव्र आर्थिक विकास के साथ वापसी की।”
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और कई वैश्विक प्रमुखों ने वैश्विक मंदी के बीच भारत को एक उज्ज्वल स्थान के रूप में स्वीकार किया है। “2022 में, भारत सकल घरेलू उत्पाद में अपने पूर्व औपनिवेशिक अग्रणी ब्रिटेन से आगे निकल कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। विश्व बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष 23-24 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 6.3 प्रतिशत होगी। श्री यादव ने कहा कि भारत की वृद्धि अमेरिका (2.1 प्रतिशत), चीन (4.4 प्रतिशत), और यूरोज़ोन (0.7 प्रतिशत) (आईएमएफ, अक्टूबर 2023) जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से आगे निकल रही है,।
उन्होंने इस बात पर भी ध्यान आकर्षित किया कि कैसे वैश्विक दिग्गज भारत को अपने विनिर्माण केंद्र के रूप में बदल रहे हैं।
श्री यादव ने जलवायु कार्रवाई में भारत के सकारात्मक प्रयत्नों पर प्रकाश डाला, जिससे लाभ मिला और ये भारत के वैश्विक नेतृत्व को दर्शाता है।
“भारत ने वैश्विक जलवायु परिवर्तन पहल और नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्धता में सक्रिय भागीदारी दिखाई है। हम उन 26 देशों में से हैं जिन्होंने प्रारंभिक अनुकूलन संचार के साथ 2019 की ग्रीनहाउस गैस सूची के आधार पर जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के साथ अपना विचार-विमर्श साझा किया है। भारत ने जलवायु कार्रवाई के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, लीड-आईटी, सीडीआरआई, आईआरआईएस, ग्रीन क्रेडिट इनिशिएटिव और इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस जैसे मंचों की शुरुआत की है। भारत ने 2030 के लिए निर्धारित नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को 2020-21 में हासिल कर लिया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, यह प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के नेतृत्व के कारण संभव हुआ है, जिन्होंने जलवायु कार्रवाई में सतत विकास और वैश्विक सहयोग को अपनी प्राथमिकता क्षेत्र के रूप में निर्धारित किया है।
श्री यादव ने दुनिया भर में शांति स्थापना के प्रयासों में भारत के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।
“देश ने भूकंप और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित देशों को भी आपदा राहत प्रदान की है। हम जेनेरिक दवाओं और किफायती स्वास्थ्य देखभाल समाधानों के अग्रणी उत्पादक हैं। भारत स्वास्थ्य देखभाल के लिए टेलीमेडिसिन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी नई तकनीकें भी विकसित कर रहा है। हम हिंसक संघर्ष या युद्ध से जूझ रहे देशों को मानवता के नाते सहायता प्रदान करते रहे हैं।
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