डॉ ममता पांडेय
रूस यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति ही आगे का रास्ता है भारत शांति और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्ध है।”
16वें ब्रिक्स सम्मेलन में रूस और भारत की द्विपक्षीय बैठक में यह बात भारतीय प्रधानमंत्री श्री मोदी नरेंद्र जी ने कही। ब्रिक्स (B-R-I-C-S) वैश्विक स्तर पर पांच उभरती हुई अर्थ व्यवस्थाओं का एक गैर पश्चिमी समूह है।
“ब्रिक “(BRIC)शब्द को गढ़ने वाले अमरीकी बैंक गोल्डमेन सॉक्स के ब्रिटिश अर्थशास्त्री जिम ओ नील हैं।2001 में उन्होंने अपने रिसर्च पेपर जिसका शीर्षक है _ “बिल्डिंग बैटर ग्लोबल इकोनॉमिक ब्रिक्स”। उन्होंने ब्राजील; रूस; भारत और चीन का जिक्र कमजोर देशों के समूह के रूप में किया था इन देशों की अर्थव्यवस्था के लिए विकास की संभावना पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की । इन चारों विकासशील देशों के बारे में इन्होंने भविष्यवाणी की थी कि वह विकसित G7 अर्थव्यवस्थाओं की वैश्विक आर्थिक शक्ति को चुनौती देंगे। यह अर्थव्यवस्था 2050 तक वैश्विक विकास स्तर पर हावी हो जाएगी। दिसंबर 2006 को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान ही रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन की पहल पर ब्रिक के संदर्भ में विदेश मंत्री स्तर की बैठक हुई। इस सफल बातचीत में यह हुआ कि इसे वार्षिक शिखर सम्मेलन के रूप में देश और सरकार के प्रमुखों के स्तर पर आयोजित किया जाना चाहिए। पहला ब्रिटिश का सम्मेलन 2009 में रूस के येकतेरेनवर्ग में हुआ ।दिसंबर 2010 में दक्षिण अफ्रीका को ब्रिक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया और ब्रिक को अब BRICS (ब्रिक्स) कहा जाने लगा।
मार्च 2011 में दक्षिण अफ्रीका ने पहली बार चीन के सान्या में तीसरे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया। अगस्त 2023 में दक्षिण अफ्रीका में हुए 15 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया कि अब समूह में 10 देश में हैं_ मिस्र ; इथोपिया;इरान; सऊदी अरब और सयुक्त अरब अमीरात नए पूर्ण सदस्य के रूप में 1जनवरी 2024 से ब्रिक्स में शामिल हुए हैं।
इसके अलावा अफ्रीका के 17 दक्षिण अमेरिका के साथ एशिया के 19 और यूरोप के तीन कल 40 देशों ने ब्रिक्स के साथ जोड़ने में रुचि दिखाई है । 2 सितम्बर 2024 को तुर्की ने भी इस संगठन से जुड़ने के लिए औपचारिक आवेदन किया है । वैश्विक स्तर में ब्रिक्स आज विश्व की 43 % जनसंख्या जो कि विश्व का 32 % भूमि क्षेत्र; वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 35% और विश्व निर्यात का 20% कवर कर रहा है।
रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन ने 19 अक्टूबर 2024 को ब्रिक्स बिजनेस फोरम के उद्बोधन में कहा कि”ब्रिक्स प्लस देशों की जीडीपी 60 लाख करोड़ डॉलर को पार कर गई है ।इस लिहाज से यह संगठन जी 7 से भी बड़ा हो गया है ।वर्ष 2023 में वैश्विक विकास में ब्रिक्स का हिस्सा 40%रहा।संगठन के सदस्य देशों की विकास दर इस साल 4% रहने की उम्मीद है; जबकि G7 देशों की 1.7%और विश्व औसत 3.2% रहने का अनुमान है। विश्व निर्यात में इन देशों का हिस्सा 25% है।
रूस यूक्रेन युद्ध के कारण “द हेग ” स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ने पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है ;इसलिए वर्ष 2023 में जोहानिसबर्ग में हुए 15 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पुतिन शामिल नहीं हुए थे। वोल्गा नदी के किनारे बसे रूस के कजान शहर में 22 अक्टूबर 2024 से ब्रिक्स (BRICS) का 16 वां शिखर सम्मेलन प्रारंभ हुआ। ब्रिक्स तंत्र का उद्देश्य शांति ; सुरक्षा; विकास और सहयोग को बढ़ावा देना है।
ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने रूस यात्रा जाने की पूर्व संध्या पर ही भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग गश्त को लेकर बनी हुई सहमति का विशेष प्रभाव ब्रिक्स सम्मेलन पर देखने को मिल रहा है। LAC का यह विवाद 2020 से इस इलाके में जुड़े विवाद का समाधान हो गया इस समझौता का आधार यह है कि दोनों देश पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा लिक पर अपनी सेनाओं द्वारा गश्त करने के समझौते पर सहमति बनी है यह एक बहुत बड़ी सफलता है। जानकारी भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी है।
मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में इसका बड़ा महत्व माना जा रहा है मेजबान देश रूस का ढाई साल से यूक्रेन के साथ युद्ध चल रहा है चीन यूरोप और अमेरिका के साथ ट्रेड बार में उलझा है और इसी साल संगठन का सदस्य बनने वाला ईरान कभी भी इजरायल के साथ युद्ध में घिर सकता है ।ऐसे हालात के बावजूद विशेषज्ञों का मानना है कि ब्रिक्स सम्मेलन में भारत की वैदेशिक पैठ अपना प्रभाव दिख रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि दुनिया को आज एक संतुलित व्यवस्था की जरूरत है भारत के लिहाज से भी बहुपक्षी विश्व व्यवस्था बेहतर विचार है मौजूदा ट्रेड बार यहां तक की अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे भी भारत को प्रभावित करते हैं।
भारत ऊर्जा का बड़ा आयातक बना रहेगा ।इसलिए पश्चिम एशिया में शांति भारत के हक में है ताकि हम ईरान से कच्चा तेल आयात जारी रख सके भारत में हाल के वर्षों में तेज गति से विकास करना शुरू किया है। भारत डी ग्लोबलाइजेशन ;युद्ध; महंगाई के कारण इस मौके को नहीं गंवा सकता। इसलिए भारत को अपने विकास के लिए BRICS जैसे संगठन की जरूरत है । वैश्विक स्तर पर विकासशील देशों में भारत अग्रणी की भूमिका निभा रहा है। भारत को ब्रिक्स और संयुक्त राष्ट्र में एक मजबूत आवास माना जाता है जो किसी भी सदस्य के हितों को नुकसान पहुंचाने वाली नीतियों या कार्यों के खिलाफ आवाज उठाता है उदाहरण के लिए भारत ने पाकिस्तान श्रीलंका और मेक्सिको के लिए ब्रिक्स में शामिल होने के चीन के अनुरोध को ठुकरा दिया। भारत की शांति स्थापना के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान है अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को तीव्र गति प्रदान करने के लिए BRICS को शांतिपूर्ण होना चाहिए यही कारण है की भूमध्य सागर उत्तरी अफ्रीका और हिंद महासागर जैसे व्यापार क्षेत्र में शांति स्थापना महत्वपूर्ण है भारत ने आंतरिक अशांति को दबाने के लिए संयुक्त राष्ट्र मिशन के हिस्से के रूप में नाइजीरिया सोमालिया सूडान इथियोपिया और अफगानिस्तान में 1000 से अधिक सैनिक भेजे हैं।
भारत की ब्रिक्स संगठन में शुरू से सक्रिय भागीदारी रही है। रोजगार सृजन जीडीपी वृद्धि और गरीबी उन्मूलन के मामले में भारत के नागरिकों को लाभ पहुंचाने वाले आर्थिक वृद्धि को बनाए रखना देश के राष्ट्रीय हित में है भारत ने इस सम्मेलन में समूह के प्रति भारत की संस्कृति के आधार पर शांति ;सुरक्षा; विकास ; सहयोग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
डॉ ममता पांडेय
सहा0 प्राध्यापक राजनीति विज्ञान
पंडित अटल बिहारी बाजपेई
शासकीय महाविद्यालय जयसिंहनगर
जिला शहडोल मध्य प्रदेश
Mamtapandey743@gmail.com
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