समग्र समाचार सेवा
गुवाहाटी, 14 अगस्त: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को राज्य के संवेदनशील और दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले स्वदेशी निवासियों के लिए एक डिजिटल आर्म्स लाइसेंस आवेदन पोर्टल का शुभारंभ किया।
गुवाहाटी के लोक सेवा भवन में इस सुविधा का अनावरण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल उन समुदायों की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए है जो अपनी जान के वास्तविक खतरों का सामना कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा,
“यह योजना असम के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में हमारे स्वदेशी लोगों की सुरक्षा के लिए है। सख्त जांच प्रक्रियाओं के साथ, हम उन्हें आत्म-रक्षा का एक वैध साधन प्रदान करने का लक्ष्य रखते हैं।”
ऑनलाइन आवेदन सुविधा ‘सेवा सेतु’ पोर्टल पर
इस योजना के तहत पात्र आवेदक अब ‘सेवा सेतु’ पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
सरकार ने स्पष्ट पात्रता मानदंड और सख्त सत्यापन प्रक्रिया तय की है, ताकि केवल वास्तविक और योग्य आवेदकों को ही लाइसेंस मिल सके।
पात्रता मानदंड
- आवेदक असम का स्थायी निवासी और स्वदेशी भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए।
- आवेदक दूरदराज और संवेदनशील क्षेत्रों का निवासी हो और उसकी जान को खतरा होना चाहिए।
- कोई आपराधिक रिकॉर्ड या लंबित शिकायत नहीं होनी चाहिए।
- आवेदक मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए।
- एक मान्य स्वास्थ्य प्रमाण पत्र अनिवार्य है।
- हथियार संचालन का अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
प्रक्रिया और सत्यापन
- आवेदन फॉर्म-III के तहत जमा किए जाएंगे।
- जिला अधिकारियों द्वारा पात्रता और दावों की सख्त जांच की जाएगी।
- पूरी प्रक्रिया में कम से कम 90 दिन लग सकते हैं।
लाइसेंस की वैधता
- स्वीकृत होने पर आर्म्स लाइसेंस की वैधता पांच वर्ष होगी।
- इसके बाद नवीनीकरण की प्रक्रिया अपनानी होगी।
मुख्यमंत्री का संदेश
सीएम सरमा ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य कानून के दायरे में रहते हुए स्वदेशी लोगों को सुरक्षा का अधिकार देना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कोई हथियार वितरण योजना नहीं, बल्कि सख्त जांच के बाद दी जाने वाली कानूनी अनुमति है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि इस कदम से संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को सुरक्षा की अतिरिक्त परत मिलेगी और वे खुद को असुरक्षित महसूस नहीं करेंगे।
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