इंदौर: देवी अहिल्या राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत मुख्य अतिथि, चंपत राय हुए सम्मानित

समग्र समाचार सेवा
इंदौर ,14 जनवरी।
इंदौर में आयोजित भव्य देवी अहिल्या राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को उनके अद्वितीय योगदान के लिए देवी अहिल्या राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें राम मंदिर निर्माण में उनके समर्पण, नेतृत्व और ऐतिहासिक योगदान के लिए प्रदान किया गया।

चंपत राय का सम्मान: समर्पण और आस्था का प्रतीक

चंपत राय ने श्रीराम मंदिर के निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य ऐतिहासिक गति से आगे बढ़ा है। इस समारोह में उन्हें सम्मानित करते हुए उनके समर्पण, धैर्य और दृढ़ निश्चय की सराहना की गई।

पुरस्कार ग्रहण करते हुए चंपत राय ने कहा, “यह सम्मान केवल मेरा नहीं, बल्कि उन सभी करोड़ों राम भक्तों का है, जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में अपनी आस्था और ऊर्जा लगाई।” उन्होंने देशवासियों से मंदिर निर्माण में सहयोग और समर्पण भाव से जुड़ने का आह्वान किया।

डॉ. मोहन भागवत का संबोधन: भारतीय संस्कृति और परंपराओं का गौरव

समारोह में डॉ. मोहन भागवत ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में भारतीय संस्कृति, परंपराओं और सनातन धर्म के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “देवी अहिल्या बाई होलकर ने समाज सेवा, धर्म और संस्कृति के संरक्षण में जो कार्य किए, वे आज भी हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हैं। हमें उनके आदर्शों का पालन कर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहिए।”

उन्होंने चंपत राय के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि श्रीराम मंदिर का निर्माण न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक भी है।

देवी अहिल्या राष्ट्रीय पुरस्कार का महत्व

देवी अहिल्या राष्ट्रीय पुरस्कार समाज सेवा, संस्कृति संरक्षण और राष्ट्र निर्माण में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तित्वों को प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार देश की महान धर्मपरायण और समाजसेवी रानी अहिल्या बाई होलकर के नाम पर दिया जाता है, जिन्होंने अपने जीवन में जनसेवा और धर्म संरक्षण का मार्ग प्रशस्त किया।

समारोह की भव्यता और उपस्थिति

इस भव्य आयोजन में विभिन्न क्षेत्रों से आए गणमान्य व्यक्तियों, संत-महात्माओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और संघ के स्वयंसेवकों की विशेष उपस्थिति रही। समारोह में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने भी सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्र के कल्याण और समाज में समरसता के लिए सामूहिक प्रार्थना की गई।

निष्कर्ष

इंदौर में आयोजित देवी अहिल्या राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह भारतीय संस्कृति, परंपरा और समाज सेवा के सम्मान का प्रतीक बना। डॉ. मोहन भागवत का मार्गदर्शन और चंपत राय का सम्मान देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह आयोजन समाज में सकारात्मक ऊर्जा, समर्पण और सेवा भावना को और अधिक मजबूत करने का संदेश देता है।

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