औद्योगिक स्मार्ट सिटीज को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर मास्टर प्लान किया गया है- केंद्रीय वाणिज्य मंत्री गोयल
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने औरंगाबाद औद्योगिक नगर जैसे आधुनिक औद्योगिक टाऊनशिप से जुड़ने के लिए कंपनियों को आमंत्रित किया
समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 11अक्टूबर। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को मुंबई में निवेशकों के एक गोल मेज सम्मेलन में भाग लिया। चौथे एनआईसीडीसी निवेशक गोल मेज सम्मेलन का आयोजन महाराष्ट्र औद्योगिक टाऊनशिप लिमिटेड (एमआईटीएल) द्वारा किया गया था।
औरंगाबाद औद्योगिक नगर (एयूआरआईसी) जैसे औद्योगिक स्मार्ट सिटी के लिए जोरदार समर्थन करते हुए श्री पीयूष गोयल ने कहा कि एयूआरआईसी जैसे आधुनिक औद्योगिक टाऊनशिप से जुड़ने के पीछे व्यवसाय की एक विवेकपूर्ण भावना दृष्टि में आती है। इन औद्योगिक स्मार्ट सिटीज को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर मास्टर प्लान किया गया है। इन नोड्स में आने वाले उद्योग देश में विनिर्माण सेक्टर को शक्ति प्रदान करेंगे।
एमआईटीएल का प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र, औरंगाबाद औद्योगिक नगर या एयूआरआईसी विश्व में सबसे विकसित औद्योगिक स्मार्ट सिटीज में से एक है। समर्पित आवासीय स्थानों तथा 7,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ यह मराठवाड़ा क्षेत्र में औद्योगिक विकास का एक प्रकाश स्तंभ रहा है। एयूआरआईसी ने पीएम मित्र स्कीम, एक मेगा फूड पार्क और वहां एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र के तहत कपड़ा मंत्रालय की सहायता से एक मित्र टेक्स्टाइल पार्क विकसित करने की योजना बनाई है जिससे यह वास्तव में वैश्विक निवेश गंतव्य बन गया है।
निवेशकों को प्रोत्साहित करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि सरकार लॉजिस्ट्क्सि की लागत को कम करने तथा व्यवसाय करने की सुगमता बढ़ाने के लए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार विभिन्न हितधारकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सब कुछ करेगी।
व्यवसाय अनुमोदनों के लिए राष्ट्रीय सिंगल विंडो सिस्टम की चर्चा करते हुए श्री गोयल ने कहा कि राष्ट्रीय सिंगल विंडो सिस्टम के पीछे सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विश्व में कहीं भी बैठा व्यक्ति न केवल भारत में अपने व्यवसाय से जुड़ने के लिए सभी प्रकार के अनुमोदनों को प्राप्त करने में सक्षम हो जाएग बल्कि बटन के एक क्लिक से देश में भूमि की खरीद करने या व्यवसाय को स्थापित करने में भी समर्थ हो जाए।
राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी) एक विशेष प्रयोजन साधन है जिसमें भारत के सबसे महत्वाकांक्षी अवसंरचना कार्यक्रम, राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम की स्थापना, संवर्धन तथा विकास को सुगम बनाने की परिकल्पना की गई है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ‘‘स्मार्ट सिटीज” के रूप में नए औद्योगिक नगरों का विकास करना और सभी अवसंरचना सेक्टरों में अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकीयों को संयोजित करना है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य एक प्रमुख वाहक के रूप में विनिर्माण के साथ भारत में सुनियोजित शहरीकरण को गति प्रदान करना है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें देश को रूपांतरित करने के लिए कदम से कदम मिला कर चल रही है। महाराष्ट्र के प्रति अपना विश्वास व्यक्त करते हुए, उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि वर्तमान नेतृत्व के तहत महाराष्ट्र एक बार फिर से देश में सबसे अधिक औद्योगीकृत, प्रगतिशील और सबसे तेज गति से बढ़ने वाले राज्य के रूप में खुद को साबित करेगा।”
अर्थव्यवस्था के लिए अवसंरचना सेक्टर के महत्व को दोहराते हुए श्री गोयल ने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें अवसंरचना ने पावर और अर्थव्यवस्था का सृजन किया है और नए अवसरों को सामने लेकर आई। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास लगभग 111 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन है और इसका एक बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र में है। मेट्रो परियोजना, ट्रांस-हार्बर लिंक, तटीय सड़क परियोजना तथा एक्सप्रेस वे का विस्तार ऐतिहासिक परियोजनाएं हैं जो महाराष्ट्र को व्यापक रूप से लाभान्वित करेंगी।”
गोयल ने कहा कि सूक्ष्म आर्थिक मूलभूत कारक मजबूत हैं, बुनियादी ढांचें का निर्माण तेज गति से हो रहा है और भारत ही वह गंतव्य है जिसकी ओर दुनिया देख रही है। उन्होंने कहा, ‘‘एक साथ मिल कर हम भारत को विश्व का भविष्य बना सकते हैं।”
महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि महाराष्ट्र अगले 6-7 वर्षो में ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रखता है। निवेशकों को संबोधित करते हुए श्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा,‘‘हमारे पास निवेशकों के प्रोत्साहन के लिए एक विशिष्ट पैकेज है। हम उद्योग की विशेष आवश्यकताओं को भी पूरा कर रहे हैं।”
एमआईटीएल, जिसे पहले औरंगाबाद औद्योगिक टाऊनशिप लिमिटेड के नाम से जाना जाता था, भारत सरकार तथा महाराष्ट्र की सरकार के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
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