समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12 अगस्त। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल जुलाई 2022 में समाप्त हो रहा है। उनके कार्यकाल समाप्त होनें से पहले ही देश के अगले राष्ट्रपति की तलाश भी शुरू हो गई है। ऐसे में कई लोगों नें अगले राष्ट्रपति के लिए रतन टाटा का नाम लिया है। इतना ही नहीं उद्योगपति रतन टाटा को राष्ट्रपति बनाए जाने के लिए सोशल मीडिया पर एक मुहिम भी चल रही है। इसके लिए ट्विटर पर #RatanTata4President ट्रेंड कर रहा है।
बता दें कि तमिल फिल्मों के सबसे बडे़ निर्माता नागा बाबू ने भी रतन टाटा को राष्ट्रपति बनाए जाने का समर्थन किया है। रतन टाटा अपने सौम्य स्वभाव के लिए जाने जाते हैं और बिजनेस के अलावा वो समाजसेवा के भी काम लगातार करते रहते हैं। रतन टाटा के देश सेवा से जुड़े कार्यों के कारण लोग उन्हें इस पद के योग्य मान रहे है। फिलहाल रतन टाटा की तरफ से इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
बता दें कि जहां एक तरफ देश में हर 5 साल पर राष्ट्रपति चुने जाने का प्रावधान है वहीं देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ही लगातार दो बार इस पद पर चुने गए थे। उनके बाद किसी और को यह सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ।
जहां तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी देश में वृद्ध हुए नेताओं की छुट्टी कर दी है ऐसे में वर्तमान राष्ट्रपति के दोबारा चुने जाने की संभावना कम नजर आ रही है।
बहरहाल, माना जा रहा है कि एनडीए के साथ ही यूपीए भी अपने उम्मीदवार का ऐलान कर सकता है। विपक्षी दलों की ओर से सबसे बड़ा नाम शरद पवार का है। हालांकि पवार ने अब तक तो इन्कार किया है। वहीं राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू का नाम भी इस दौड़ में शामिल है। एनडीए की ओर से एक अन्य नाम केरल में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का है। नीतीश कुमार का नाम भी चर्चा में है, लेकिन कहा जा रहा है कि उन्हें उपराष्ट्रपति बनाया जाएगा। माना जा रहा है कि यूपी चुनाव इस मामले में अपनी बड़ी भूमिका निभाएगा जो अगले राष्ट्रपति को सीट तक पहुंचाने में मददगार साबित होगा।
देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा, इसका फैसला करने में उत्तर प्रदेश अहम भूमिका निभा सकता है। मौजूदा स्थिति में एनडीए आगे है, लेकिन यूपीए भी बहुत पीछे नहीं है। चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, सांसदों और विधायकों का मौजूदा वोट प्रतिशत देखें तो एनडीए 49.9% पर है। यूपीए के पास 25.3% वोट है तो अन्य के पास 24.8% वोट हैं। अभी इलेक्टोरल कॉलेज के हिसाब से यूपी में सबसे बड़ा हिस्सा भाजपा के पास है। सबसे बड़ा प्रदेश होने के कारण यूपी के विधायकों का कुल वोट प्रतिशत देश में सबसे ज्यादा 15.26 फीसदी है।
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