कोरोना के बाद महंगाई की मार, आपदा को अपने लिए अवसर बना रहे व्यापारी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12जून। वैश्विक महामारी कोरोना मध्यवर्गीय परिवारों के लिए एक श्राप की तरह साबित हुई है। कोरोना के कारण लॉकडाउन ने गरीबों की जिदंगी और भी मुश्किल कर दी है। हालांकि मजदूर और गरीब तपके के लोगों के लिए सरकार की ऐसी कई योजनाए चल रही है जिनका वे लाभ उठा रहे है और अपनी जिंदगी बसर कर रहे है। लेकिन कोरोना संकट के समय ऐसे लोगों और व्यापारियों का कहना जिन्होंने कोरोना आपदा के दौरान खुद को पैसे कमाने के लिए एक अवसर समझ लिया है। रोजमर्रा के जरूरत की चीजों में कोरोना संकट के दौरान रेट बढाने के बात समझ नहीं आती है।
रोजमर्रा की जरूरत के सभी फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स की कीमतों में पिछले एक साल में करीब 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। खासकर खाद्य तेल की महंगाई ने हैरान कर दिया है, क्योंकि पिछले एक साल में इनकी कीमतों में डेढ़ गुना का इजाफा हुआ है।
कोरोना महामारी से परेशान मध्यम वर्ग के लिए एक नई समस्या महंगाई के रूप में सामने आई है। किराने के सामान की कीमत में एक साल में 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। साथ ही खाद्य तेलों की कीमतों में 50 फीसद का इजाफा हुआ है।

अब फॉर्च्यून ब्रांड सरसों तेल की बात कर ले तो पाउच करीब 185 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है, जबकि पिछले साल अप्रैल में सिर्फ 135 रुपये प्रति लीटर था। इसी तरह रूची गोल्ड ऑयल के एक लीटर पाउच की कीमत पिछले साल अप्रैल में 129 रुपये थी, लेकिन आज यह 170 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है।

इस दौरान चीनी, चावल और दालों के दाम भी बढ़े हैं। पिछले साल 81 रुपये किलो में बेची जा रही अरहर दाल आज 107 रुपये किलो बिक रही है। इसी तरह चाय पत्ती के दाम में भी 15 से 20 फीसदी का इजाफा हुआ है।

इस दौरान आटे की कीमत लगभग स्थिर बनी हुई है, लेकिन बिस्कुट की कीमत में काफी इजाफा हुआ है। शॉप एक्स के संस्थापक और सीईओ अमित शर्मा कहते हैं कि जिन वस्तुओं की कीमतों में मामूली वृद्धि देखी गई है। उनमें चावल (7 प्रतिशत), साबुन (15 प्रतिशत), डिटर्जेंट (10 प्रतिशत), फ्लोर क्लीनर (5 प्रतिशत), चीनी (5 प्रतिशत) शामिल हैं। सबसे ज्यादा असर तेल की कीमतों पर पड़ा है, जिसकी कीमतों में एक साल में 50 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।
एक साल के दौरान 125 ग्राम लाइफबॉय सोप की लागत 22 रुपये से बढ़कर 27 रुपये हो गई है। इसी तरह डव साबुन बार 123 रुपये से बढ़कर 142 रुपये हो गया है। दूसरी ओर सर्फ एक्सेल का एक किलो पैक 120 रुपये से बढ़कर 128 रुपये हो गया है।

कई जगहों पर कंपनियों ने इस तरह के प्रयास भी किए हैं कि अगर किसी आइटम की कीमत नहीं बढ़ाई गई तो फिर उसका वजन या मात्रा कम कर दी गई है। उदाहरण के तौर पर मैगी नूडल्स की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है, लेकिन इसकी मात्रा कम कर दी गई है। नेस्ले ने मैगी के पैकेटों का वजन 70 ग्राम से घटाकर 60 ग्राम कर दिया है।

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