एचबीटीयू जैसे संस्थानों को अपने छात्रों में नवाचार और उद्यमिता की भावना पैदा करनी चाहिए: राष्ट्रपति कोविंद

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26 नवंबर। भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने कहा कि एचबीटीयू जैसे संस्थानों को अपने छात्रों में नवाचार और उद्यमिता की भावना पैदा करनी चाहिए। वे आज (25 नवंबर, 2021) कानपुर में हरकोर्ट बटलर तकनीकी विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे।

राष्ट्रपति ने कहा कि एचबीटीयू को तेल, पेंट, प्लास्टिक और खाद्य प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में योगदान के लिए मान्यता मिली है। इस संस्था का गौरवशाली इतिहास 20वीं शताब्दी के प्रारंभ से ही भारत में हो रहे औद्योगिक विकास से जुड़ा है। HBTU द्वारा प्रदान की गई प्रौद्योगिकी और मानव संसाधन कानपुर को ‘पूर्व का मैनचेस्टर’, ‘विश्व का चमड़ा शहर’ और ‘औद्योगिक हब’ के रूप में प्रसिद्धि दिलाने में सहायक रहे हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि जब एचबीटीयू अपनी शताब्दी मना रहा है, तब देश आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। और वर्ष 2047 में, जब देश स्वतंत्रता की शताब्दी मना रहा होगा, एचबीटीयू अपने 125 वर्ष पूरे कर रहा होगा। राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में एचबीटीयू की वर्तमान रैंकिंग 166वें स्थान की ओर इशारा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि एचबीटीयू के सभी हितधारकों का प्रयास होना चाहिए कि वर्ष 2047 तक इस विश्वविद्यालय को शीर्ष 25 में स्थान दिया जाए। देश के संस्थान। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उन्हें दृढ़ संकल्प के साथ काम करना होगा। उन्हें विश्वास था कि सभी हितधारक एचबीटीयू और देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

भारत में नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास की आवश्यकता पर जोर देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया में केवल वही देश सबसे आगे रहते हैं, जो नवाचार और नई तकनीक को प्राथमिकता देते हैं और अपने नागरिकों को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में लगातार सक्षम बनाते हैं। हमारे देश ने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी अपनी साख बढ़ा ली है लेकिन हमें अभी लंबा सफर तय करना है। ऐसे में एचबीटीयू जैसी संस्थाओं की भूमिका अहम हो जाती है। उन्होंने कहा कि हमारे तकनीकी संस्थानों को अपने छात्रों में नवाचार और उद्यमिता की भावना पैदा करनी चाहिए। छात्रों को शुरू से ही ऐसा वातावरण प्रदान किया जाना चाहिए जिसमें वे ‘नौकरी मांगने वाले’ के बजाय ‘नौकरी देने वाले’ बनकर देश के विकास में अपना योगदान दे सकें।

तकनीकी शिक्षा में छात्राओं की कम भागीदारी की ओर इशारा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने देश भर के कई शिक्षण संस्थानों के दीक्षांत समारोह में भाग लिया था जहाँ उन्होंने देखा कि लड़कियों का प्रदर्शन बहुत प्रभावशाली था। लेकिन तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में छात्राओं की भागीदारी संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि आज समय की मांग है कि अधिक से अधिक लड़कियों को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।
पिछले शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2021 का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि देश के शहरी निकायों में स्वच्छ सर्वेक्षण में कानपुर शहर 2016 में 173वें स्थान से 2021 में 21वें स्थान पर पहुंच गया। उन्होंने कहा कि वह देश के लोगों को जानते हैं। कानपुर। अगर वे कुछ करने का फैसला करते हैं, तो वे इसे हासिल करते हैं। उन्होंने शहर की स्वच्छता के लक्ष्य को जन आंदोलन बनाने का आग्रह किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कानपुर का प्रशासन और नगर निगम इंदौर शहर से प्रेरणा लेगा, जो स्वच्छता में लगातार देश में पहले स्थान पर है और कानपुर को देश के पांच सबसे स्वच्छ शहरों में रैंक करने का प्रयास करेगा।

Comments are closed.