अंतरिम बजट 2024-25 में विकसित भारत @2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नवाचार और स्टार्टअप पर जोर दिया गया है: डॉ. जितेंद्र सिंह

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 03फरवरी। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिम बजट 2024-25 विकसित भारत @2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नवाचार और स्टार्टअप पर बल को प्रदर्शित करता है।

केंद्रीय मंत्री ने सूर्योदय प्रौद्योगिकियों में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के कोष का प्रस्ताव करने वाले अंतरिम बजट का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जैसा कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “यह हमारे तकनीक-प्रेमी युवाओं के लिए एक स्वर्ण युग का प्रतीक होगा।” उन्होंने कहा कि यह उन कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करेगा जो हमारे युवाओं और प्रौद्योगिकी की शक्तियों को जोड़ते हैं।

केंद्रीय (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री संसद में अंतरिम बजट पेश होने के तुरंत बाद मीडिया से बात कर रहे थे।

उन्होंने कहा, “अंतरिम केंद्रीय बजट में नवाचार और स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के कोष की घोषणा की गई है, साथ ही रक्षा क्षेत्र में डीप टेक स्टार्टअप के लिए एक नई योजना और बायो-स्टार्टअप और बायो-इकोनॉमी के पूरक के लिए एक विशेष बायोमैन्युफैक्चरिंग योजना भी शामिल है… वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए यह सभी बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्पष्टता और दृढ़ विश्वास की ओर इशारा करती हैं।”

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र के लिए डीप-टेक प्रौद्योगिकियों को मजबूत करने के लिए शुरू की जाने वाली प्रस्तावित नई योजना से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने टीकों की एक श्रृंखला विकसित करने में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की प्रशंसित सफलता की सराहना करते हुए कहा कि अंतरिम बजट में 9 से 14 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियों के सर्वाइकल कैंसर बीमारी की रोकथाम के लिए टीकाकरण का प्रस्ताव है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने सितंबर, 2022 में सर्वाइकल कैंसर बीमारी की रोकथाम के लिए भारत के पहले स्वदेशी रूप से विकसित टीके, “सर्वावेक” की घोषणा की थी, जिसे डीबीटी और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे द्वारा विकसित किया गया था।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिम बजट में बायो-मैन्युफैक्चरिंग और बायो-फाउंड्री की एक नई योजना का भी प्रस्ताव है जो बायोडिग्रेडेबल पॉलिमर, बायो-प्लास्टिक, बायो-फार्मास्यूटिकल्स और बायो-एग्री-इनपुट जैसे पर्यावरण अनुकूल विकल्प प्रदान करेगा।

उन्होंने कहा, “डीबीटी फिर से इस योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा जो हरित विकास को बढ़ावा देता है और आज के उपभोग्य विनिर्माण प्रतिमान को पुनर्योजी सिद्धांतों पर आधारित प्रतिमान में बदलने में मदद करेगा।”

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वित्त मंत्री ने अधिक उपज देने वाली किस्मों को विकसित करके तिलहन के क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने की रणनीति का भी उल्लेख किया। इसके अलावा, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि अंतरिम बजट समुद्री अर्थव्यवस्था हासिल करने के लिए जलवायु अनुकूल गतिविधियों को भी बढ़ावा देता है।

उन्होंने कहा, “आने वाले वर्षों में, “समुद्री अर्थव्यवस्था” भारत की समग्र अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख योगदानकर्ता होगी और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित डीप ओशन मिशन इसका मुख्य घटक होगा।”

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए समुद्रयान मिशन के एक भाग के रूप में, भारत का लक्ष्य खनिजों जैसे गहरे समुद्र संसाधनों की खोज के लिए मत्स्य नामक पनडुब्बी में तीन व्यक्तियों को 6000 मीटर की गहराई तक भेजना है। उन्होंने कहा कि यह मिशन अगले 2-3 वर्षों में साकार होने की संभावना है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिम बजट ऊर्जा सब्सिडी के लिए एक सतत और पर्यावरण-अनुकूल दृष्टिकोण पेश करके स्वदेशी सौर ऊर्जा निर्माताओं को, इसे रूफ टॉप सोलर डेवलपमेंट से जोड़कर जो वितरण ग्रिड को बिजली वापस बेच कर बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन देता है।

उन्होंने कहा, “जैसा कि भारत वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रतिबद्धता व्यक्त की है, बजट भाषण इलेक्ट्रिक वाहन इकोसिस्टम के विस्तार पर भी जोर देता है।”

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जब जुलाई में पूर्ण बजट पेश किया जाएगा तो इन सभी पहलों को और प्रोत्साहन मिलेगा।

उन्होंने कहा, “यह प्रयास पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को साकार करने और अमृतकाल के दौरान विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित विकास को गति प्रदान करेगा।”

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