समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,21 मार्च। हर साल 20 मार्च को अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस (International Day of Happiness) मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को खुश रहने के महत्व के बारे में जागरूक करना और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की दिशा में प्रेरित करना है। 2025 में इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि तेज़ी से बदलती दुनिया में मानसिक शांति और संतोष पाना एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 2012 में इस विशेष दिन की स्थापना की थी, ताकि दुनिया भर के लोग खुशी को जीवन का एक मूलभूत लक्ष्य मानें और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। अध्ययनों के अनुसार, खुशहाल व्यक्ति अधिक उत्पादक, स्वस्थ और सामाजिक रूप से सक्रिय होते हैं।
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में खुश रहना आसान नहीं लगता, लेकिन कुछ सरल उपाय अपनाकर हम अपने जीवन में अधिक सकारात्मकता और आनंद ला सकते हैं।
हर दिन उन चीजों के बारे में सोचें जिनके लिए आप आभारी हैं। यह आदत आपके दिमाग को सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद कर सकती है।
छोटी-छोटी अच्छाइयों से न केवल दूसरों को खुशी मिलती है, बल्कि आपको भी आत्मसंतुष्टि का अनुभव होता है। शोध बताते हैं कि दूसरों की सहायता करने से मानसिक तनाव कम होता है और खुशी का स्तर बढ़ता है।
अत्यधिक सोशल मीडिया और डिजिटल स्क्रीन पर समय बिताने से मानसिक थकान हो सकती है। दिन में कुछ घंटे बिना फोन या लैपटॉप के बिताने से दिमाग को आराम मिलेगा और आप अधिक प्रसन्न महसूस करेंगे।
हर दिन कुछ समय पार्क में टहलने, बागवानी करने या खुले आसमान के नीचे बिताने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। प्रकृति के संपर्क में रहने से तनाव कम होता है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
योग और ध्यान मानसिक शांति के लिए अत्यंत प्रभावी माने जाते हैं। यह न केवल तनाव को कम करते हैं, बल्कि आत्म-जागरूकता और संतुलन बनाए रखने में भी सहायक होते हैं।
खुशहाल जीवन के लिए अच्छा खानपान और भरपूर नींद आवश्यक है। संतुलित भोजन और 7-8 घंटे की नींद से शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं।
संयुक्त राष्ट्र हर साल वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट प्रकाशित करता है, जिसमें दुनिया के देशों की खुशहाली का आकलन किया जाता है। फिनलैंड, डेनमार्क और स्विट्जरलैंड जैसे देश आमतौर पर इस सूची में शीर्ष स्थान पर रहते हैं, जबकि भारत की रैंकिंग में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस 2025 हमें यह याद दिलाता है कि खुशी किसी भी भौतिक चीज़ से नहीं, बल्कि हमारे दृष्टिकोण, संबंधों और जीवनशैली से आती है। छोटे-छोटे बदलावों से हम अपने जीवन में अधिक आनंद और संतोष महसूस कर सकते हैं। इसलिए, इस दिन खुद से एक वादा करें—खुश रहने का, खुशियां बांटने का, और जीवन को पूरी तरह से जीने का!
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