ईरान-इस्राइल संघर्ष की तीसरी रात भी जारी हमले, तेहरान और बेत याम में भारी तबाही, ईरान ने जताई संघर्ष विराम की इच्छा

समग्र समाचार सेवा
तेहरान / यरुशलम, 15 जून: पश्चिम एशिया एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर खड़ा है, जहां ईरान और इस्राइल के बीच चल रहा सशस्त्र संघर्ष तीसरी रात भी थमा नहीं है। हवाई हमलों, मिसाइलों और ड्रोनों से दोनों देश एक-दूसरे के सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बना रहे हैं। इस बीच, ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने पहली बार संघर्ष विराम की संभावना के संकेत दिए हैं।

ईरान की शांति की पेशकश, बशर्ते हमले रुके

विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने एक बयान में कहा कि यदि इस्राइल उनके देश पर हमले बंद करता है, तो ईरान भी जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा। यह बयान ऐसे समय आया है जब इस्राइल के हवाई हमलों में ईरानी सेना के कई शीर्ष कमांडर और दो परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो चुकी है। शुक्रवार को हमलों के बाद ईरान ने अमेरिका के साथ चल रही परमाणु समझौते की बातचीत को रद्द कर दिया।

ईरानी मिसाइलों का जवाब: इस्राइल के बेत याम में भारी नुकसान

ईरान द्वारा किए गए जवाबी हमलों में उत्तरी इस्राइल में बेत याम इलाक़ा सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ, जहां अब तक तीन लोगों की मौत और 13 घायल होने की पुष्टि हुई है। सात लोग अब भी लापता हैं। मिसाइलों ने कई घरों को तबाह कर दिया, जिससे हजारों लोग बंकरों में जाने को मजबूर हो गए।

इस्राइल ने तेहरान के परमाणु केंद्रों को बनाया निशाना

इस्राइली रक्षा बल (IDF) ने रविवार तड़के तेहरान स्थित ईरानी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय, एसपीएनडी परमाणु परियोजना और शाहरान तेल डिपो पर हमला किया। आईडीएफ ने दावा किया कि इन हमलों का उद्देश्य ईरान की परमाणु हथियार प्राप्त करने की कोशिशों को रोकना था।

इसी के साथ इस्राइली सेना ने ईरानी नागरिकों से हथियार निर्माण केंद्रों को खाली करने की चेतावनी भी जारी की है।

हूतियों और पाकिस्तान का समर्थन

ईरान को अब क्षेत्रीय समर्थन भी मिलने लगा है। यमन के हूती विद्रोहियों ने इस्राइल के खिलाफ ईरान के अधिकार की पुष्टि की, जबकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने फोन पर ईरानी राष्ट्रपति को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की। उन्होंने इस्राइल के हमले को ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन बताया।

अमेरिका की भूमिका पर उठे सवाल

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अमेरिका हमले में शामिल नहीं है, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्वीकार किया कि उन्हें हमले की जानकारी पहले से थी। इस पर भारत के पूर्व राजदूत महेश सचदेव ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अमेरिका इस तनाव का कूटनीतिक लाभ उठाकर ईरान पर शर्तें थोप सकता है।

ह्यूमन टोल: अब तक 100+ मौतें, कई घायल

तीन दिनों से जारी हमलों में अब तक ईरान में कम से कम 80 मौतें, जिनमें 20 बच्चे शामिल हैं, जबकि इस्राइल में चार नागरिकों की मौत की पुष्टि हुई है। दोनों ओर सैकड़ों लोग घायल हुए हैं और अस्पतालों में जगह की कमी हो गई है।

जॉर्डन ने बंद किया हवाई क्षेत्र

तनाव के चलते जॉर्डन ने अपने हवाई क्षेत्र को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है, जिससे क्षेत्रीय हवाई यातायात पर प्रभाव पड़ा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह संकट पूरे मध्य-पूर्व क्षेत्र की स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।

युद्ध की आग में घिरा पश्चिम एशिया, क्या रुकेगी तबाही?

तीसरी रात भी ईरान और इस्राइल के बीच बमबारी और मिसाइल हमले थमने का नाम नहीं ले रहे। जहां एक ओर ईरान संघर्ष विराम का संकेत दे रहा है, वहीं इस्राइल सख्त सैन्य प्रतिक्रिया जारी रखे हुए है।

अब नजरें अंतरराष्ट्रीय समुदाय और विशेषकर संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका पर टिकी हैं कि क्या वे इस जटिल स्थिति में कूटनीतिक समाधान का रास्ता निकाल पाएंगे, या फिर यह संघर्ष एक पूरे क्षेत्रीय युद्ध में बदल जाएगा।

 

 

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