ईरान-इस्राइल टकराव पर बड़ा विस्फोट: छह ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की मौत, नातांज संयंत्र पर हमला, दुनिया में छाई दहशत

समग्र समाचार सेवा,

तेहरान, 13 जून: 13 जून की सुबह, जब दुनिया अपने रोजमर्रा के काम में व्यस्त थी, मध्य एशिया के आसमान में एक घातक तूफान उठ चुका था। ईरान के नातांज शहर में स्थित एक संवेदनशील परमाणु संयंत्र पर हमला हुआ—और यह कोई आम हमला नहीं था।

विस्फोट की गूंज और काले धुएं का डर
तेहरान से करीब 250 किलोमीटर दूर नातांज में, सुबह-सुबह एक तेज विस्फोट की आवाज ने सबको चौंका दिया। आसमान में उठता काले धुएं का घना गुबार एक भयानक त्रासदी की आहट दे रहा था। लोगों की नजरें टीवी और मोबाइल स्क्रीन पर थीं—और जल्द ही पुष्टि हुई: यह इस्राइल का हमला था

शिकार बने ईरान के छह शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक
ईरान के लिए यह महज़ एक सैन्य हमला नहीं था, यह एक बड़ा मानसिक आघात था। छह नाम—अब्दुलहामिद मिनोचेहर, अहमदरेज़ा ज़ोल्फ़ागरी, अमीरहुसैन फ़ेक़ी, मोटालेब्लिज़ादेह, मोहम्मद मेहदी तेहरानची और फ़ेरेदून अब्बासी—जिन्होंने वर्षों तक ईरान के परमाणु कार्यक्रम को आकार दिया था—अब इस दुनिया में नहीं रहे।

ड्रोन की बौछार और पलटवार
इस हमले के कुछ ही घंटों के भीतर, ईरान ने पलटवार किया। सैकड़ों ड्रोनों ने इस्राइल की ओर रुख किया, जो इराक और जॉर्डन के हवाई क्षेत्र को पार करते हुए पहुंचे। जॉर्डन में सायरन बज उठे, लोगों ने शरण ले ली, और आसमान एक युद्ध क्षेत्र में बदल गया।

तेल अवीव में हलचल, अमेरिकी दूतावास सतर्क
इस्राइली एयरलाइन इसरेयर ने अपने विमानों को हटाना शुरू कर दिया। राजधानी में हलचल थी। अमेरिकी दूतावास ने अपने स्टाफ को घरों से बाहर न निकलने की चेतावनी दी। इस्राइल की सेना ने कहा—”हमारा यह हमला एक पूर्व-निवारक कार्रवाई है। हमें ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकना ही होगा।”

भारत की नजरें दोनों देशों पर
दुनिया भर के देशों की नजरें अब ईरान-इस्राइल पर थीं। भारत ने तुरंत बयान जारी किया। विदेश मंत्रालय ने शांति की अपील की, साथ ही ईरान और इस्राइल के साथ भारत के रिश्तों को याद दिलाया।
“हमें परमाणु स्थलों पर हमले की खबरों पर गहरी चिंता है। हम सभी पक्षों से संयम की अपील करते हैं,”—बयान में कहा गया।

भारतीयों के लिए एडवाइजरी
तेहरान और तेल अवीव में मौजूद भारतीय मिशनों ने तुरंत एडवाइजरी जारी की। भारतीयों को घरों में रहने, स्थानीय सुरक्षा प्रोटोकॉल अपनाने और अनावश्यक यात्रा से बचने को कहा गया।

डोनाल्ड ट्रंप ने बुलाई राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक
दुनिया की सबसे ताकतवर ताकत भी अब चौकन्नी हो चुकी थी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुला ली। वॉशिंगटन में चिंतन शुरू हो चुका था कि अगर हालात और बिगड़े तो इसका असर सिर्फ पश्चिम एशिया पर नहीं, पूरी दुनिया पर होगा।

ईरान के सर्वोच्च नेता का ऐलान: “इस्राइल को सजा मिलेगी”
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बेहद सख्त बयान जारी किया। उन्होंने कहा—“इस्राइल ने हमारे देश में घुसकर खून बहाया है। वह अपनी इस गलती की कीमत चुकाएगा। हम शांत नहीं बैठेंगे।”

दुनिया एक बार फिर युद्ध की कगार पर है
इस पूरे घटनाक्रम ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को हिलाकर रख दिया है। एक तरफ परमाणु वैज्ञानिकों की मौत से ईरान का रोष उबल रहा है, तो दूसरी तरफ इस्राइल कह रहा है—”हमें अपने अस्तित्व की रक्षा करनी है।” भारत जैसे देशों के लिए यह एक संतुलन साधने का क्षण है—जहां दोस्ती, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय कानून—तीनों की परीक्षा हो रही है।

क्या बातचीत की मेज फिर से सजेगी? या फिर यह संघर्ष पूरे क्षेत्र को खाक कर देगा?
यह आने वाला समय तय करेगा।

 

 

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