समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22 जून: ईरान और इज़रायल के बीच छिड़े युद्ध और अमेरिकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का माहौल है। इस बीच भारत ने इस संवेदनशील विषय पर सधे हुए और संतुलित स्वर में अपनी प्रतिक्रिया दी है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भारत का मानना है कि युद्ध किसी भी समस्या का हल नहीं हो सकता, समाधान संवाद और कूटनीति से ही निकलता है।
संवाद ही शांति का रास्ता: गोयल
मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की हमेशा यही सोच रही है कि संघर्ष और हिंसा किसी भी समस्या का हल नहीं हो सकते। भारत हर मंच पर इस बात का समर्थन करता है कि सभी देशों को बातचीत और कूटनीतिक माध्यमों से समाधान की ओर बढ़ना चाहिए।” उन्होंने कहा कि भारत क्षेत्रीय स्थिरता और शांति में विश्वास करता है और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील करता है।
#WATCH | Mumbai | On US strikes Iran's 3 nuclear facilities, Union Minister Piyush Goyal says, "PM Modi has been of the thinking that war is not a way for the settlement of any issue; dialogue and diplomacy are the medium that should be used for any issue to be resolved." pic.twitter.com/SbJyjlyseu
— ANI (@ANI) June 22, 2025
अमेरिकी हमले से बढ़ा तनाव
बता दें कि रविवार तड़के अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान स्थित परमाणु संयंत्रों पर हवाई हमले किए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों की पुष्टि करते हुए कहा कि यदि ईरान ने जवाबी हमला किया, तो अमेरिका और अधिक आक्रामक कार्रवाई करने को तैयार है। इसके बाद मध्य पूर्व में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है।
भारत की भूमिका पर निगाहें
भारत, जो पारंपरिक रूप से ईरान और इज़रायल दोनों के साथ रणनीतिक संबंध रखता है, इस समय वैश्विक मंच पर एक संतुलनकारी भूमिका निभा रहा है। ऊर्जा सुरक्षा, भारतीय प्रवासी और क्षेत्रीय स्थिरता को देखते हुए भारत की नीति हमेशा “शांति, संयम और संतुलन” पर आधारित रही है। कूटनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भारत आने वाले समय में शांति प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मध्यस्थ की भूमिका भी निभा सकता है।
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