ब्रिटेन की एक साल की MSc भारत में BTech या BE के बराबर? पीएचडी छात्र ने दी विदेश जाने से पहले सोचने की सलाह
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,21 मार्च। विदेश में उच्च शिक्षा हासिल करने का सपना देखने वाले भारतीय छात्रों के लिए एक अहम चेतावनी सामने आई है। एक भारतीय पीएचडी छात्र ने दावा किया है कि ब्रिटेन में मिलने वाली एक साल की मास्टर ऑफ साइंस (MSc) डिग्री को भारत में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (BTech) या बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (BE) के बराबर माना जाता है। इस संदर्भ में उन्होंने छात्रों से अपील की है कि वे विदेश जाने से पहले इस पहलू पर गंभीरता से विचार करें।
ब्रिटेन के कई विश्वविद्यालय एक साल की MSc डिग्री प्रदान करते हैं, जिसे दुनिया के कई देशों में एक उच्च स्तरीय पोस्टग्रेजुएट कोर्स माना जाता है। लेकिन भारत में जब इस डिग्री को मान्यता देने की बात आती है, तो इसे अक्सर BTech या BE के समकक्ष रखा जाता है। इससे उन छात्रों को परेशानी हो सकती है जो भारत लौटकर किसी सरकारी या निजी क्षेत्र की नौकरी में आवेदन करना चाहते हैं या उच्च शिक्षा के लिए PhD में प्रवेश लेना चाहते हैं।
एक भारतीय पीएचडी छात्र ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि जो छात्र सिर्फ विदेश में डिग्री लेकर भारत वापस नौकरी की उम्मीद से जा रहे हैं, उन्हें इस फैसले पर दोबारा सोचने की जरूरत है। उन्होंने लिखा, “जो छात्र MSc करने के बाद भारत लौटकर पीएचडी करना चाहते हैं, उन्हें कई विश्वविद्यालयों में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि उनकी डिग्री को स्नातकोत्तर (postgraduate) के रूप में नहीं माना जाता है।”
- भारत में मान्यता की समस्या: भारत में कई सरकारी और निजी संस्थान एक साल की MSc डिग्री को पूर्ण स्नातकोत्तर (PG) डिग्री नहीं मानते हैं।
- नौकरी में कठिनाई: कई भारतीय कंपनियां और सरकारी संस्थान MSc को 2 साल की डिग्री मानते हैं, जिससे ब्रिटेन की एक साल की डिग्री रखने वालों को दिक्कत आ सकती है।
- PhD में प्रवेश की चुनौती: भारतीय विश्वविद्यालयों में पीएचडी के लिए आवेदन करते समय यह डिग्री अपर्याप्त मानी जा सकती है।
- महंगे कोर्स और सीमित मौके: विदेश में शिक्षा महंगी होती है, और अगर यह भारत में अपेक्षित लाभ नहीं देती, तो निवेश व्यर्थ हो सकता है।
- विदेश में उच्च शिक्षा की योजना बनाने वाले छात्रों को पहले विश्वविद्यालयों और भारत के शिक्षा नियामकों (जैसे UGC, AICTE) से डिग्री की मान्यता के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए।
- जो छात्र विदेश में ही करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए यह डिग्री अधिक प्रभावी हो सकती है, लेकिन जो लोग भारत लौटने का सोच रहे हैं, उन्हें लंबे समय के प्रभावों पर विचार करना चाहिए।
- कुछ भारतीय संस्थान और कंपनियां अंतरराष्ट्रीय डिग्री को स्वीकार करते हैं, लेकिन फिर भी मान्यता की प्रक्रिया जटिल हो सकती है।
ब्रिटेन की एक साल की MSc डिग्री को लेकर भारतीय छात्रों को सतर्क रहने की जरूरत है। उच्च शिक्षा और करियर के फैसले जल्दबाजी में न लेकर पूरी जानकारी इकट्ठी करें। विदेश में पढ़ाई से पहले उसके फायदे और नुकसान का मूल्यांकन करें, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की असुविधा से बचा जा सके।
Comments are closed.