समग्र समाचार सेवा
जेरूसलम/तेहरान, 16 जून:ईरान और इज़राइल के बीच चल रहा सैन्य संघर्ष सोमवार रात और अधिक भीषण हो गया। ताज़ा हवाई हमलों ने रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया, जिससे दोनों पक्षों में नागरिकों की मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है और पूरे क्षेत्र में बड़े युद्ध की आशंका बढ़ गई है।
ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि शुक्रवार से अब तक 230 नागरिक इज़राइली हमलों में मारे जा चुके हैं, जबकि 380 घायल हुए हैं। वहीं, ईरान के जवाबी मिसाइल हमलों में इज़राइल में 10 नागरिकों की मौत हुई है, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं। अब तक इज़राइल में कुल मृतकों की संख्या 13 हो गई है।
IRGC के खुफिया प्रमुख की मौत
ताज़ा हवाई हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) के खुफिया प्रमुख मोहम्मद काज़ेम के मारे जाने की खबर है। यह हमला रविवार को हुआ, जिससे ईरानी सैन्य तंत्र को बड़ा झटका लगा है।
नागरिक इलाकों पर मिसाइलें, मानवीय संकट गहराया
वीडियो फुटेज में दोनों देशों में हुए भारी विनाश, राहत कार्यों और शोकाकुल परिवारों के दृश्य सामने आए हैं। यह स्पष्ट होता जा रहा है कि सैन्य टारगेट के साथ-साथ आम नागरिक भी युद्ध की चपेट में आ रहे हैं, जिससे मानवीय संकट और गहराता जा रहा है।
परमाणु वार्ता ठप, कूटनीति असफल
यह टकराव ऐसे समय पर हुआ है जब ईरान और अमेरिका के बीच ओमान में छठे दौर की परमाणु वार्ता होनी थी। लेकिन तेहरान ने यह वार्ता रद्द कर दी, आरोप लगाते हुए कि इज़राइल जानबूझकर कूटनीतिक प्रयासों को नष्ट कर रहा है।
ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरकची ने कहा,
इज़राइल के सैन्य कदम कूटनीति को पटरी से उतारने की साज़िश हैं।”
अंतरराष्ट्रीय अपीलें लेकिन कोई हस्तक्षेप नहीं
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि वह चाहते हैं कि दोनों देश “समझौता करें”, लेकिन यह भी जोड़ा कि शायद “पहले लड़ाई करनी पड़े”। इस बयान की चौतरफा आलोचना हो रही है, क्योंकि हिंसा में निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं।
वहीं इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्धविराम की अंतरराष्ट्रीय माँगो को खारिज करते हुए कहा:
“यह समय युद्ध रोकने का नहीं, बल्कि ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने का है।”
मध्य पूर्व में अस्थिरता की चेतावनी
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह टकराव और बढ़ा तो यह पूरा मध्य पूर्व क्षेत्र अस्थिर हो सकता है। फिलहाल, दोनों देश बीते वर्षों का सबसे भीषण युद्ध लड़ रहे हैं, और कोई भी कूटनीतिक समाधान दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा।
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