इजरायली सेना का बयान: इजरायल-लेबनान सीमा पर गांवों को बनाया जा रहा है निशाना

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,1 अक्टूबर। इजरायल और लेबनान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ता दिखाई दे रहा है। इजरायली सेना, जिसे आईडीएफ (इजरायल डिफेंस फोर्सेज) के नाम से जाना जाता है, ने बयान दिया है कि इजरायल-लेबनान सीमा पर स्थित गांवों को निशाना बनाया जा रहा है। इजरायली सेना इन गांवों में प्रवेश कर तलाशी अभियान चला रही है, जिससे दोनों देशों के बीच संघर्ष के और बढ़ने की आशंका पैदा हो रही है।

क्या है पूरा मामला?

इजरायली सेना का कहना है कि लेबनान की सीमा के निकट स्थित गांवों से आतंकवादी गतिविधियों की सूचना मिली थी। सेना का आरोप है कि इन गांवों का उपयोग हमास और हिज़बुल्लाह जैसे आतंकवादी संगठनों द्वारा इजरायल पर हमले करने के लिए किया जा रहा है। इजरायल का दावा है कि इन गांवों में छुपे हुए आतंकवादी संगठन रॉकेट और अन्य हथियारों से इजरायली ठिकानों को निशाना बना रहे हैं।

आईडीएफ ने कहा है कि इन गांवों में घुसकर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है ताकि आतंकवादियों के ठिकानों को ढूंढा जा सके और संभावित खतरों को खत्म किया जा सके। इजरायली सेना ने अपनी सुरक्षा और नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह ऑपरेशन शुरू किया है।

गांवों में तलाशी अभियान

आईडीएफ के बयान के अनुसार, इजरायल-लेबनान सीमा पर स्थित कई गांवों में तलाशी अभियान जारी है। सेना का दावा है कि इन इलाकों से इजरायल पर हमला करने के लिए हथियारों और मिसाइलों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन गांवों में रहने वाले नागरिकों को भी सेना द्वारा चेतावनी दी गई है कि वे अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें और आतंकवादियों के सहयोग से बचें।

हालांकि, इस अभियान के कारण सीमावर्ती इलाकों में तनाव और अधिक बढ़ गया है। स्थानीय लोगों के बीच दहशत का माहौल बना हुआ है और कई परिवार अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।

लेबनान की प्रतिक्रिया

लेबनान की सरकार और हिज़बुल्लाह ने इजरायली सेना के इस अभियान की निंदा की है। लेबनान का कहना है कि इजरायल जानबूझकर उनके नागरिकों को निशाना बना रहा है और यह कार्रवाई उनके क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन है। हिज़बुल्लाह ने इजरायल को चेतावनी दी है कि अगर इजरायली सेना ने उनकी जमीन पर और अधिक हमले किए, तो वे इसका कड़ा जवाब देंगे।

लेबनान का यह भी कहना है कि इजरायल की यह कार्रवाई क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। दोनों देशों के बीच यह संघर्ष लंबे समय से चला आ रहा है, और हर बार इस तरह की घटनाएं उनके बीच के तनाव को और अधिक बढ़ा देती हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस घटना को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी नजरें इस क्षेत्र पर टिकी हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठन पहले ही इजरायल और लेबनान के बीच शांति बनाए रखने की अपील कर चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह चिंता जताई जा रही है कि इस तरह के सैन्य अभियानों से दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो सकती है, जिससे पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ेगी।

संयुक्त राष्ट्र ने इजरायल और लेबनान दोनों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए समस्या का समाधान निकालने की अपील की है। इसके साथ ही, अन्य बड़े देशों ने भी दोनों पक्षों को हिंसा से दूर रहने का संदेश दिया है।

निष्कर्ष

इजरायल-लेबनान सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति एक बार फिर से खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है। इजरायली सेना का दावा है कि आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए यह ऑपरेशन जरूरी है, जबकि लेबनान इसे अपने देश की संप्रभुता का उल्लंघन मान रहा है।

इस घटना के बाद सीमा पर सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह तनाव कब तक जारी रहेगा। अब देखना यह है कि क्या दोनों देशों के बीच बातचीत का रास्ता निकलेगा, या फिर क्षेत्र में स्थिति और भी बिगड़ेगी।

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