लेबनान के 3000 मछुआरों को इज़राइली रक्षा बलों ने भूमध्य सागर में मछली पकड़ने से रोका, बढ़ा तनाव

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,10 अक्टूबर। बेरूत: हाल ही में सामने आई रिपोर्टों के अनुसार, साइदा के करीब 3000 लेबनानी मछुआरों को इज़राइली रक्षा बलों (IDF) द्वारा भूमध्य सागर में मछली पकड़ने से रोका गया है। यह घटना लेबनान और इज़राइल के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव का एक और उदाहरण है, जो इस क्षेत्र में मछुआरों के लिए आजीविका के संकट को और गहरा कर रहा है।

मछुआरों के लिए संकट

साइदा क्षेत्र के मछुआरे पहले से ही आर्थिक संकट और संघर्ष के चलते मुश्किलों का सामना कर रहे थे। भूमध्य सागर में मछली पकड़ना इन मछुआरों की आजीविका का मुख्य स्रोत है, लेकिन इज़राइली रक्षा बलों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण उनकी परेशानियाँ और बढ़ गई हैं।

मछुआरों के अनुसार, IDF की गश्ती नौकाओं ने उन्हें समुद्र के उस हिस्से में जाने से रोका, जिसे लेबनान का क्षेत्र माना जाता है। हालांकि, इज़राइल और लेबनान के बीच समुद्री सीमा विवाद लंबे समय से चला आ रहा है, और यह घटना उसी विवाद का हिस्सा मानी जा रही है।

मछुआरों की दिक्कतें और अपील

एक स्थानीय मछुआरे ने कहा, “हमारा पूरा जीवन समुद्र पर निर्भर है। अगर हमें मछली पकड़ने से रोका जाएगा, तो हमारे परिवार भूखे मर जाएंगे। हम संघर्ष नहीं चाहते, सिर्फ अपनी रोजी-रोटी चाहते हैं।”

मछुआरों ने लेबनानी सरकार और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं निकाला गया, तो उन्हें भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा, जिससे उनकी आजीविका पूरी तरह समाप्त हो सकती है।

इज़राइली रक्षा बलों का रुख

इज़राइली रक्षा बलों का कहना है कि ये सुरक्षा के उपाय हैं, जो समुद्री सीमा की सुरक्षा और लेबनान से इज़राइली क्षेत्र में होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए जरूरी हैं। इज़राइल का दावा है कि लेबनान के कुछ मछुआरे उन क्षेत्रों में मछली पकड़ने की कोशिश कर रहे थे, जो इज़राइल के सुरक्षा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। IDF के अधिकारियों ने कहा कि ये कदम इज़राइली क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उठाए गए हैं।

लेबनान और इज़राइल के बीच समुद्री विवाद

यह विवाद उस व्यापक संघर्ष का हिस्सा है, जो इज़राइल और लेबनान के बीच समुद्री सीमा को लेकर लंबे समय से जारी है। इस विवाद में प्राकृतिक गैस और तेल के भंडार की संभावित खोज भी शामिल है, जो दोनों देशों के लिए आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हो सकता है।

हालांकि, लेबनान और इज़राइल के बीच कोई आधिकारिक युद्धविराम या शांति समझौता नहीं है, जिससे समुद्री सीमाओं का स्पष्ट निर्धारण नहीं हो पाया है। इससे दोनों देशों के बीच तनाव बार-बार उभरता है, और मछुआरों जैसी आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।

निष्कर्ष

साइदा के मछुआरों को मछली पकड़ने से रोका जाना केवल आर्थिक संकट का नहीं, बल्कि क्षेत्रीय तनाव का भी एक संकेत है। यह घटना लेबनान और इज़राइल के बीच बढ़ते समुद्री विवाद और सुरक्षा चिंताओं को उजागर करती है। मछुआरों की स्थिति इस बात की ओर इशारा करती है कि समुद्री संसाधनों को लेकर चल रहे विवादों का समाधान जल्द ही किया जाना चाहिए, ताकि आम लोगों की आजीविका प्रभावित न हो।

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