मुश्किल घड़ी है , निश्चित टल जाएगी, स्वस्थ होने के बाद अब प्लाज्मा डोनेट करने की बारी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7मई।  कोरोना महामारी के इस दौर में लोगों की जो मौते हो रही है उससे जानकारों ने लोगों का डर भी बताया है। वैज्ञानिकों और  डॉक्टर्स का मानना है कि अगर हमारें अन्दर मजबूत इच्छा शक्ती है तो कोरोना को हम हरा सकते है। बस इसके लिए सावधानियां और इरादे मजबूत करने की इच्छा होनी चाहिए है। ऐसे ही एक कोरोना वारियर्स जिन्होंने कोरोना को मात देकर अपनी नई जिन्दगी शूरू की है साथ ही दूसरों की मदद के लिए भी तैयारी की कोशिश में है डॉ दिनेश रंजन….

अपनी “सकारात्मक सोच” और “कोविड होम प्रोटोकाल” का पालन करते हुए आज इस बीमारी के चंगुल से मुक्ति मिल गयी । नोबा USA के डॉ दिनेश रंजन जी के दिशा निर्देश का होम आइसोलेशन में पूरा पालन किया ! उनके बताये हुए ब्लड टेस्ट , दवाईं के नियमित सेवन से काफी फायदा हुआ !

मैंने मन से बहुत जल्दी ही ये ख्याल निकाल दिया था की मैं कोरोना संक्रमित हूँ ! शुरू में बहुत मुश्किल रहा , दरवाजे के पीछे से अपने एक साल की बच्ची को दूर से ही देखना , उसके साथ न खेल पाने की उस मज़बूरी को झेलना बहुत आसान नहीं था । दूसरी तरफ ६५ वर्ष की मेरी माँ भी कोरोना पॉजिटिव थी , एक कमरे में मैं और एक में वो आइसोलेटेड थी ! बीच रात में जब मम्मी के कमरे से लगातार बेतहासा खांसने की आवाज आती थी, तो मन करता था भाग कर देख लूँ की वो ठीक है या नहीं , लेकिन होम मैनेज्ड प्रोटोकॉल को स्ट्रिक्टली फॉलो किया , सबकुछ बहुत आसान नहीं था ! खुद को आईसोलेट करने के साथ गर्म पानी का नियमित सेवन करना , दिन में तीन चार बार भाप लेता रहा। एक चार्ट बनाकर उसके हिसाब से ही खाने पीने की भी सारी व्यवस्था मेरी पत्नी ने कर रखी थी |

मजबूत आत्मबल, इच्छाशक्ति और सकारात्मक सोच के साथ कोरोना को आसानी से शिकस्त दी जा सकती है।

अब रिपोर्ट निगेटिव आई है तो सोच रहा हूं कि 15 दिन बाद अपना प्लाज्मा डोनेट कर दूं। ताकि किसी जरूरतमंद की मदद हो जाए।

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