एक आदिवासी महिला का भारत का राष्ट्रपति बनना गर्व की बात – उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
उपराष्ट्रपति ने धनबाद आईआईटी के 43वें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित किया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11दिसंबर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आईआईटी धनबाद के 43वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा यह दीक्षांत समारोह आपकी अकादमिक यात्रा का अंत नहीं है, बल्कि आपको आगे भी सीखते रहना है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत आज तेज गति से विकास यात्रा पर आगे बढ़ रहा है और यह बढ़त अजेय है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अब हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर अग्रसर हैं। हमने यू.के. को पीछे छोड़ा है और अब जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ने वाले हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने ढाई साल में संसद के नए भवन का जो निर्माण किया है, वह देखने लायक है। यह सिर्फ एक भवन नहीं है उसके अंदर की तकनीकी का नजारा देखकर आप स्तब्ध रह जायेंगे, भारतीयता से ओतप्रोत पार्लियामेंट भवन का ऐसा निर्माण इतने कम समय में किसी भी देश के द्वारा आज तक संभव नहीं हुआ।
उपराष्ट्रपति ने भारत की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि दुनिया के शीर्ष दस कन्वेंशन सेंटर में से दो कन्वेंशन सेंटर भारत मंडपम और यशोभूमि आज भारत में मौजूद हैं उन्हें देखकर भारत की बदलती तस्वीर का अंदाजा लगाया जा सकता है।
Hon'ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar delivered the convocation address at the 43rd Convocation of Indian Institute of Technology (Indian School of Mines) Dhanbad in Jharkhand today. @IITISM_DHANBAD pic.twitter.com/utqkqq2S92
— Vice President of India (@VPIndia) December 10, 2023
भारत की तकनीकी उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज हमें लीक से हटकर सोचना पड़ेगा। दुनिया कितनी तेज गति से बदल रही है क्वांटम कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग, के बारे में आपको पता होगा, हमारा देश इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत क्वांटम कंप्यूटिंग, ग्रीन हाइड्रोजन और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ चुका है।
धनखड़ ने छात्रों से कहा “क्या आप कभी कल्पना कर सकते हैं किसानों को दो लाख पचहत्तर हज़ार करोड़ से ज्यादा की राशि सीधे उनके खातों में भेजी गई है। इसमें यह महत्वपूर्ण नहीं है कि सरकार ने उनके खातों में यह राशि भेजी है महत्वपूर्ण यह है कि हमारे किसान इस राशि को प्राप्त करने में तकनीकी रूप से सक्षम बने हैं यह बड़ी उपलब्धि है।”
विश्व बैंक के अध्यक्ष के बयान का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि ने कहा कि विश्व बैंक के अध्यक्ष ने कहा कि भारत ने डिजिटल क्षेत्र में जो उपलब्धि 6 सालों में किया है वह सैंतालिस सालों में भी संभव नहीं था। उन्होंने आगे कहा कि आज दुनिया में भारत का डंका बज रहा है। हमारे यहां जितना डिजिटल ट्रांजेक्शन होता है वह अमेरिका, यूके, फ्रांस और जर्मनी के ट्रांजेक्शन से चार गुना से भी अधिक है। उन्होंने कहा भारत की प्रतिभा का कोई मुकाबला ही नहीं है। हम टेक्नोलॉजी को सहज ही ग्रहण करते हैं, भारत का प्रति व्यक्ति इंटरनेट डाटा कंजप्शन अमेरिका और चीन के प्रति व्यक्ति इंटरनेट डाटा कंजप्शन से भी अधिक है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा देश में एक ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिला जब भारत की एक आदिवासी महिला श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को भारत का प्रथम नागरिक चुना गया जब वह राष्ट्रपति बनीं।
अंतरिक्ष में भारत की बढ़ती ताकत का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत वह पहला देश है जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को उतार कर इतिहास रच दिया है। अब वहां शिव शक्ति पॉइंट भी है और तिरंगा पॉइंट भी है, आज हमारा इसरो अमेरिका, यूके, सिंगापुर और कई विकसित देशों के सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजता है।
उन्होंने कहा कि आज हमें लीक से हटकर सोचना पड़ेगा। आपके पास सीखने के लिए तकनीकी है कुछ ऐसी टेक्नोलॉजी है जिन पर चर्चा करते हैं तो लगता है दुनिया कितनी जल्दी बदल रही है क्वांटम कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग, के बारे में पता लगाइए क्या है, हमारा देश इस क्षेत्र में काम कर रहा है। क्वांटम कंप्यूटिंग, ग्रीन हाइड्रोजन और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में काफी आगे जा चुके हैं।
उपराष्ट्रपति ने महिला आरक्षण विधेयक का जिक्र करते हुए कहा कि मैं भारतीय संसद ने महिला आरक्षण बिल पास करके इतिहास रच दिया। उन्होंने कहा कि इस बिल के पास हो जाने से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह आरक्षण होरिजेंटल और वर्टिकल दोनों ही प्रकार का है, मतलब इसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए भी यह आरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा। यह आरक्षण सामाजिक समानता को सुनिश्चित करेगा।
उपराष्ट्रपति ने छात्रों से टेक्नोलॉजी से जुड़ने का आह्वान किया, उन्होंने छात्रों को भारतीय संसद देखने के लिए आमंत्रित किया और उनके साथ लंच करने का भी आमंत्रण दिया। अंत में उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपने राष्ट्र हित को सर्वोपरि रखना चाहिए, भारत का हित सर्वोपरि है, भारतीयता में हमारा विश्वास अटूट है, हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए, हमें अपनी ऐतिहासिक उपलब्धियां पर गर्व करना चाहिए।
इस अवसर पर सी. पी. राधाकृष्णन, झारखंड के राज्यपाल, श्री वाना गुप्ता, झारखण्ड के स्वास्थ मंत्री, प्रोफ़ेसर प्रेम व्रत, चेयरमैन, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद, प्रोफ़ेसर जे.के. पटनायक, निदेशक आई.आई.टी. (आईएसएम) धनबाद, अकादमिक परिषद के सदस्य, संस्थान के शिक्षक, डिग्री प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं एवं कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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