आज के युग में साइबर सुरक्षा के बिना भारत के विकास की कल्पना करना संभव नहीं है- अमित शाह
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20जून। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन (साइबर अपराध से आज़ादी – आज़ादी का अमृत महोत्सव) को संबोधित किया। कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह सचिव सहित गृह मंत्रालय और केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव से लेकर देश की आज़ादी की शताब्दी तक के 25 साल के कालखंड को अमृत काल कहा है। इस अमृत काल के दौरान हर क्षेत्र में देश को दुनिया में सर्वोच्च स्थान पर पहुंचाने के लिए कई मंत्रालयों, विभागों द्वारा कई कार्यक्रम बनाए गए हैं। इसके लिए हमारे सामने क्या चुनौतियां हैं इन पर विचार करने का भी ये समय है और ये करने के बाद 25 साल का एक कार्यक्रम हर विभाग, मंत्रालय बनाए। उन्होंने कहा कि130 करोड़ लोगों का संकल्प बल ही भारत को सर्वोच्च स्थान पर पहुंचाने का ज़रिया बन सकता हैं।
श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में 2017 में गृह मंत्रालय में साइबर और सूचना सुरक्षा (सीआईएस) प्रभाग बनाया गया और वहां से साइबर सुरक्षा की दिशा में बहुत सारे कदम उठाए गए। I4C औरसीआईएस डिवीजन के तहत सात स्तंभों में साइबर अपराधओं की रोकथाम के लिए काम चल रहा है – राष्ट्रीय साइबर अपराध थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट, राष्ट्रीय साइबर अपराध रिर्पोटिंग पोर्टल, राष्ट्रीय साइबर अपराध प्रशिक्षण केंद्र, राष्ट्रीय साइबर अपराध अनुसंधान और नवाचार केंद्र, जॉइंट साइबरक्राइम कोऑर्डिनेशन, राष्ट्रीय साइबर अपराध इकोसिस्टम प्रबंधन यूनिट और राष्ट्रीय साइबर अपराध फॉरेंसिक प्रयोगशाला। कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए भी I4Cने काफ़ी काम किया है। CyTrainपोर्टल के ज़रिए देशभर के पुलिसबलों के 16000 से ज्यादा अफ़सरों का इस पोर्टल पर प्रशिक्षण हो चुका है और 6000 लोगों को सर्टिफिकेट भी दिए जा चुके हैं। इसके साथ-साथ साइबर अपराध फॉरेंसिक जांच में भी राष्ट्रीय साइबर अपराध फॉरेंसिक प्रयोगशाला के साथ-साथ नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी में भी अनुसंधान का काम चल रहा है। देशऔर दुनिया में कहीं पर भी साइबर फ्रॉड या साइबर अटैक का नए प्रकार का हमला होता है तो नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी इसका संज्ञान लेकर और इस पर शोध कर इससे बचाव और सुरक्षा की प्रणाली विकसित करने के लिए काम कर रही है। मैं आप सभी को आश्वस्त कर सकता हूं कि दुनियाभर में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का हमारा यूनिट शीर्ष पर है। बहुत अलग तरीके से दुनियाभर के साइबर फ्रॉड का एनालिसिस करना और साइबर फ्रॉड के नए तरीकों से देश, देश की जनता और अंतोतगत्वा पूरे विश्व को उससे सुरक्षित करने के लिए हमारे युवा जो शोध और अनुसंधान कर रहे हैं, मुझे भरोसा है कि दुनियाभर के फ्रॉड की रोकथाम के लिए हमारी नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का यूनिट बहुत काम में आएगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि साइबर सुरक्षा एक प्रकार से राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ भी जुड़ी है।जो हमारे देश को सुरक्षित देखना नहीं चाहते वह अनेक प्रकार के cyber-attack का प्रयोजन भी करते हैं। कुछ देशों ने तो इसके लिए साइबर आर्मी भी बनाई हुई है। मगर भारत सरकार का गृह मंत्रालय भी इससे निपटने के लिए पूरी तरह से चौकन्ना है और हर कदम पर इसकी रोकथाम के लिए हम अपने आप को अपग्रेड भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि साइबर फ्रॉड के कई नए आयाम आने वाले दिनों में देखने में आएंगे, साइबर स्पेस सुरक्षा के संदर्भ में भी हमें कई तैयारियां करनी होंगी। नागरिकों की प्राइवेसी के प्रश्न हमारे सामने उपस्थित हो चुके हैं, क्रिटिकल इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी के संदर्भ में हमें और अधिक सतर्कता बरतनी होगी। डेटा और इंफॉर्मेशन यह दोनों आने वाले दिनों में बहुत बड़ी आर्थिक ताकत बनने वाली है इसीलिए डेटा और इंफॉर्मेशन की सुरक्षा के लिए भी हमें ख़ुद को तैयार करना होगा। यह जो आजादी के अमृत महोत्सव का एक नए प्रकार का इनीशिएटिव संस्कृति मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने लिया है, मुझे विश्वास है कि जब देश आजादी की शताब्दी मना रहा होगा तब ना सिर्फ़ साइबर सुरक्षा की दृष्टि से देश सुरक्षित होगा बल्कि दुनिया में सबसे ज्यादा सुरक्षित साइबर एटमॉस्फेयर अगर दुनिया में कहीं पर भी होगा तो हमारे भारत में होगा.
https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1835505
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