“केशव कुंज की भव्यता को बनाए रखना हमारा कर्तव्य” – आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,20 फरवरी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने 19 फरवरी को दिल्ली के झंडेवालान स्थित नवनिर्मित केशव कुंज का उद्घाटन किया। इस अवसर पर आयोजित ‘प्रवेशोत्सव’ समारोह में उन्होंने संघ के कार्यों के विस्तार और उसकी बढ़ती जिम्मेदारियों पर जोर दिया।

संघ कार्य की भव्यता को बनाए रखने की अपील

डॉ. भागवत ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा,
“हमारे कार्य भी इस भवन की भव्यता को प्रतिबिंबित करने चाहिए। जैसे यह कार्यालय प्रगति का प्रतीक है, वैसे ही हमारा परिश्रम भी इसकी गरिमा को बनाए रखना चाहिए। हमें विश्वास है कि भारत जल्द ही ‘विश्वगुरु’ का दर्जा पुनः प्राप्त करेगा, और यह परिवर्तन हम अपने जीवनकाल में ही देखेंगे। लेकिन इस लक्ष्य को पाने के लिए प्रत्येक स्वयंसेवक को निःस्वार्थ भाव से समर्पित रहना होगा।”

संघ का मिशन और जिम्मेदारियां

डॉ. भागवत ने यह भी कहा कि संघ कार्य में अनुशासन और पवित्रता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समय के साथ चुनौतियां बदलती हैं, लेकिन संघ की मूल दिशा अडिग रहनी चाहिए

उन्होंने कहा,
“समृद्धि जरूरी है, लेकिन वह संयम और जिम्मेदारी के साथ आनी चाहिए।”
उन्होंने संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी प्रारंभिक संघर्षगाथा को याद किया, जब संघ की नींव नागपुर के महल इलाके में रखी गई थी।

दिल्ली की भूमिका और केशव कुंज की आवश्यकता

दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी और संघ की गतिविधियों के केंद्र के रूप में रेखांकित करते हुए डॉ. भागवत ने कहा कि यह नया कार्यालय संघ के कार्यों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा

उन्होंने स्वयंसेवकों को याद दिलाया कि संरचना मात्र प्रेरणा का माध्यम है, असली कार्य तो संगठन की सकारात्मकता और अनुशासन को बनाए रखना है

आध्यात्मिक दृष्टिकोण और ऐतिहासिक महत्व

इस अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि न्यास के कोषाध्यक्ष पूज्य गोविंददेव गिरी जी महाराज ने भी अपना ‘आशीर्वचन’ दिया। उन्होंने इस दिन को विशेष रूप से यादगार बताते हुए कहा कि यह न केवल संघ के पूर्व सरसंघचालक श्री गुरुजी की जयंती है, बल्कि छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती भी है

उन्होंने कहा कि कांची कामकोटी पीठ के शंकराचार्य परमाचार्य जी ने संघ प्रार्थना को ‘महान मंत्र’ कहा था। साथ ही उन्होंने संघ स्वयंसेवकों की तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज के अडिग मावलों से की, जो अपने लक्ष्य से कभी विचलित नहीं हुए।

केशव कुंज का ऐतिहासिक विकास

केशव स्मारक समिति के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार जी ने केशव कुंज के पुनर्निर्माण की यात्रा को विस्तार से बताया।

  • 1939 में अस्तित्व में आया केशव कुंज, वर्षों में कई विस्तार हुए।
  • 2016 में नवीन पुनर्निर्माण कार्य शुरू हुआ, जो 2025 में पूर्ण हुआ।
  • नई इमारत में तीन टावर – साधना, प्रेरणा और अर्चना बनाए गए हैं।
  • इसमें अशोक सिंघल ऑडिटोरियम, केशव लाइब्रेरी, ओपीडी क्लिनिक, सुरुचि प्रकाशन सहित अन्य सुविधाएं हैं।
  • पर्यावरण अनुकूल सुविधाएं, जैसे 150 किलोवॉट सोलर प्लांट और 140 केएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी स्थापित किए गए हैं।
  • परिसर में भव्य हनुमान मंदिर भी बनाया गया है।

प्रमुख गणमान्य उपस्थित

इस प्रवेशोत्सव में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिनमें संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबले, उत्तर क्षेत्रीय संघचालक श्री पवन जिंदल, और दिल्ली प्रांत संघचालक डॉ. अनिल अग्रवाल शामिल थे।

इसके अलावा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

संघ की सेवा यात्रा में नया अध्याय

इस अवसर पर केशव कुंज के पुनर्निर्माण में योगदान देने वाले प्रमुख व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम संघ के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ, जो संगठन की बढ़ती ताकत और समाज के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

डॉ. मोहन भागवत के नेतृत्व में, यह नया केशव कुंज केवल एक इमारत नहीं, बल्कि संघ की बढ़ती शक्ति, उसकी नीतियों और कार्यों का एक प्रतीक बनकर उभरेगा।

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