समग्र समाचार सेवा,
चित्रकूट, मध्य प्रदेश, 30 मई: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच एक असाधारण दृश्य सामने आया जब सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी चित्रकूट स्थित तुलसी पीठ पहुंचे। यहां उन्होंने प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु जगद्गुरु रामभद्राचार्य से राम मंत्र की दीक्षा ली। लेकिन यह दीक्षा केवल आध्यात्मिक नहीं रही—यह एक राष्ट्रीय भावना और भू-राजनीतिक संकेत बन गई, जब गुरु ने अपनी गुरु दक्षिणा के रूप में पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को भारत में वापस लाने की इच्छा व्यक्त की।
आध्यात्मिक दीक्षा, पर देशभक्ति की मांग
जनरल द्विवेदी को दी गई दीक्षा के बारे में बताते हुए जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा,
“मैंने उन्हें वही राम मंत्र की दीक्षा दी, जो भगवान हनुमान को माता सीता से मिली थी और जिसके बल पर हनुमान जी ने लंका विजय की थी। जब उन्होंने मुझसे दक्षिणा पूछी, तो मैंने कहा—मुझे POK वापस चाहिए।”
#WATCH | Madhya Pradesh | On Chief of Army Staff General Upendra Dwivedi visiting his Ashram in Chitrakoot yesterday, Spiritual Leader Jagadguru Rambhadracharya says, "I gave him the same Diksha (initiation) with the Ram Mantra which Lord Hanuman had received from Maa Sita and… pic.twitter.com/C7Sc3sDTUb
— ANI (@ANI) May 29, 2025
इस बात पर जनरल द्विवेदी ने कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं दी, लेकिन यह संवाद न केवल आध्यात्मिक, बल्कि रणनीतिक विमर्श का विषय बन गया।
गुरु की चेतावनी: “पाकिस्तान अगर आतंक फैलाएगा, तो नेस्तनाबूद होगा”
पत्रकारों से बातचीत में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने पाकिस्तान को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा,
“अगर पाकिस्तान कोई आतंकवादी वारदात को अंजाम देता है, तो वह नेस्तनाबूद हो जाएगा।”
इस बयान से स्पष्ट है कि धार्मिक नेतृत्व भी अब राष्ट्र की सुरक्षा और अखंडता को लेकर मुखर हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा
रामभद्राचार्य ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा,
“देश को केवल शस्त्र (सैन्य शक्ति) की नहीं, बल्कि शास्त्र (धार्मिक और नैतिक मूल्यों) की भी जरूरत है। नरेंद्र मोदी ऐसे नेता हैं, जो दोनों संतुलनों को साध रहे हैं।”
यह बयान मोदी सरकार की राष्ट्रवादी नीतियों और आध्यात्मिक जुड़ाव को और बल देता है।
एक असामान्य दृश्य: सेना प्रमुख की दीक्षा
आमतौर पर भारतीय सेना प्रमुखों को धार्मिक स्थलों या गुरुओं के आश्रमों में कम ही देखा जाता है। इसीलिए जनरल उपेंद्र द्विवेदी का तुलसी पीठ में जाना और दीक्षा लेना एक ऐतिहासिक और सांकेतिक घटना बन गई। इस अवसर पर उनकी पत्नी सुनीता द्विवेदी ने भी दीक्षा प्राप्त की, जिससे यह क्षण और भी भावनात्मक व सांस्कृतिक रूप से समृद्ध हो गया।
वीडियो हुआ वायरल
इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। जनता इसे राष्ट्रभक्ति और अध्यात्म का संगम मान रही है। कई लोग इस पहल की तारीफ कर रहे हैं कि देश का शीर्ष सैन्य अधिकारी आध्यात्मिक मार्गदर्शन लेने और देश के संकल्पों को मजबूत करने के लिए आगे आया।
अध्यात्म और राष्ट्रवाद का नया संगम
जगद्गुरु रामभद्राचार्य का बयान केवल एक धार्मिक टिप्पणी नहीं था; यह भारत की सार्वभौमिकता, संप्रभुता और राष्ट्रीय आकांक्षाओं की गूंज थी। यह संदेश स्पष्ट है कि भारत के नागरिक, चाहे वे आध्यात्मिक क्षेत्र से हों या सैन्य, अब एकजुट होकर PoK की वापसी जैसे मुद्दों पर स्पष्ट और निर्भीक राय रखते हैं।
जनरल द्विवेदी का यह दौरा इस बात का प्रतीक बन गया है कि भारत की आत्मा आज अध्यात्म और राष्ट्रवाद के अद्वितीय संगम से शक्तिशाली हो रही है।
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