जहांगीरपुरीः हिंसा के पीछे पीएफआई? पुलिस करेगी जांच

समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 20 अप्रैल। दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर निकाली गई शोभायात्रा के बाद हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस बीच दिल्ली के ज्वाइंट सीपी दीपेंद्र पाठक ने हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का हाथ होने पर जवाब दिया है।

पीएफआई का हाथ होने पर ज्वाइंट सीपी का जवाब

दिल्ली के ज्वाइंट सीपी दीपेंद्र पाठक ने कहा कि हालात शांतिपूर्ण हैं। अमन कमेटी से बातचीत की है। निष्पक्ष तरीके से जांच की जा रही है। जहांगीरपुरी हिंसा के पीछे पीएफआई का हाथ होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं जांच के मामले का खुलासा नहीं कर सकता हूं। जांच अपने शुरुआती चरण में है। मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है। पुलिस पीएफआई से संबंधों की जांच भी केरगी।

अनुमति नहीं तो मौके पर क्यों थी पुलिस?

जब ज्वाइंट सीपी दीपेंद्र पाठक से पूछा गया कि अगर जहांगीरपुरी में शोभायात्रा निकालने की अनुमति पुलिस ने नहीं दी थी तो वो जुलूस के साथ क्यों थी, इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस का फोकस कानून व्यवस्था बनाए रखने के ऊपर होता है। अगर कोई स्थिति उत्पन्न होती है तो हमारी जिम्मेदारी है कि उसे और बिगड़ने नहीं दें। पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल वहां पर मौजूद था। इसी वजह से हमारी टीम ने कम से कम समय में हालात को फिर से सामान्य करने में कामयाबी पाई।

गृह मंत्रालय को सौंपी जा चुकी है आरंभिक रिपोर्ट

सूत्रों के मुताबिक, जहांगीरपुरी दंगे को लेकर आज (मंगलवार को) दिल्ली पुलिस ने आरंभिक रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंप दी। रिपोर्ट में पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए दिल्ली पुलिस ने क्या कार्रवाई की, इस बारे में डिटेल से बताया गया है। इस मामले में अब तक 24 गिरफ्तार हो चुके हैं। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि दिल्ली पुलिस ने अभी तक क्या-क्या एहतियाती कदम उठाए हैं।

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