समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9जून राज्य सभा की 57 सीटों के लिए 10 जून को होने वाले मतदान से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को बड़ा झटका लगा है. पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और मंत्री नवाब मलिक की तरफ से चुनाव में मतदान करने की याचिका को स्पेशल पीएमएलए कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसके बाद देशमुख के वकील ने कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी जल्द से जल्द मांगी है ताकि वे हाईकोर्ट में अपील कर सकें. इससे पहले मुंबई की एक विशेष अदालत ने बुधवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख एवं मंत्री नवाब मलिक की जमानत अर्जियों पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.
Mumbai | Special PMLA court rejects applications of Maharashtra minister Nawab Malik and former state minister Anil Deshmukh seeking permission to vote in Rajya Sabha elections tomorrow
— ANI (@ANI) June 9, 2022
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देशमुख और मलिक की अर्जियों का यह कहते हुए विरोध किया कि जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत कैदियों का कोई मताधिकार नहीं होता है. NCP के दोनों वरिष्ठ नेता देशमुख और मलिक धनशोधन के अलग-अलग मामलों में फिलहाल जेल में बंद हैं. दोनों ने अस्थायी जमानत की मांग करते हुए पिछले सप्ताह विशेष न्यायाधीश आर एन रोकड़े के सामने आवेदन दिये थे. बुधवार को सभी पक्षों ने इस जमानत अर्जी के पक्ष एवं विपक्ष में अपनी दलीलें पूरी कीं.
ED ने कहा था कि जमानत आवेदन खारिज कर दिये जाने के लायक है. देशमुख को ईडी ने नवंबर, 2021 में गिरफ्तार किया था. उनके आवेदन में कहा गया है, ‘मौजूदा विधायक होने के नाते आवेदक (देशमुख) राज्यसभा के सदस्य के चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल का सदस्य है. आवेदक अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने एवं अपना वोट डालने को इच्छुक है.’ ईडी ने विशेष अदालत से कहा था कि देशमुख उनके खिलाफ दर्ज धनशोधन मामले में मुख्य आरोपी हैं और नवंबर में गिरफ्तार किये जाने के बाद वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. उसने कहा, ‘इसके अलावा, यह दीगर है कि जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत कैदियों को मतदान करने का अधिकार नहीं होता है.’
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