समग्र समाचार सेवा
जयपुर, 6 अक्टूबर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में रविवार देर रात सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल के ट्रॉमा ICU वार्ड में भीषण आग लग गई, जिसमें छह मरीजों की मौत हो गई। हादसे के समय ICU में मौजूद अधिकांश मरीज गंभीर और कोमा की स्थिति में थे। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी, जिसके बाद ICU में ज़हरीली गैसें फैल गईं और हालात तेजी से बिगड़ गए।
ट्रॉमा सेंटर इंचार्ज डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि आग लगने के समय ICU में कुल 11 मरीज थे, जबकि बगल के सेमी-ICU में 13 मरीज भर्ती थे। कुल 24 मरीजों को तुरंत निकाला गया, लेकिन छह की जान नहीं बचाई जा सकी।
“हमारे ट्रॉमा सेंटर की दूसरी मंजिल पर दो ICU हैं — एक ट्रॉमा ICU और एक सेमी-ICU। शॉर्ट सर्किट होने से ट्रॉमा ICU में आग लगी और वहां से जहरीली गैसें फैल गईं। हमारी टीम, नर्सिंग अधिकारी और वार्ड बॉय तुरंत सक्रिय हुए और मरीजों को ट्रॉली पर ले जाकर दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया,” — डॉ. धाकड़ ने ANI से कहा।
मौत के साए में बचाव अभियान
अस्पताल स्टाफ ने आग लगते ही फायर अलार्म बजाया और मरीजों को निकालने की कोशिश शुरू की। कई मरीज बेहोश थे, जिन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। कर्मचारियों ने जान जोखिम में डालकर कई मरीजों को ICU से बाहर निकाला।
“छह मरीज बहुत ही गंभीर थे। हमने CPR देकर उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका,” — डॉ. धाकड़ ने बताया।
मृतकों में चार पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं। हादसे में घायल अन्य पांच मरीजों की स्थिति अभी भी नाजुक बताई जा रही है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने लिया जायज़ा
हादसे की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा रात में ही SMS अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायज़ा लिया। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
“यह बेहद दुखद हादसा है। मैं पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूँ। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी,” — सीएम शर्मा ने कहा।
राज्य सरकार ने हादसे में मारे गए मरीजों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने और घायलों को निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराने की घोषणा की है।
क्या था हादसे का कारण?
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ICU वार्ड में लगे इलेक्ट्रिकल पैनल में शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे आग तेजी से फैल गई। इसके बाद ऑक्सीजन पाइपलाइन और प्लास्टिक उपकरणों में आग लगने से स्थिति गंभीर हो गई।
अस्पताल प्रशासन ने कहा कि फायर अलार्म सिस्टम सक्रिय था, लेकिन आग इतनी तेजी से फैली कि पूरी तरह नियंत्रण में लाने में समय लगा। फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और करीब एक घंटे में आग पर काबू पाया गया
राजस्थान में अस्पताल सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
इस हादसे के बाद राजस्थान में अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ICU जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में इलेक्ट्रिकल सुरक्षा जांच, फायर ड्रिल और आपात निकासी मार्ग की नियमित समीक्षा आवश्यक है।
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