समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर: कांग्रेस के सांसद जैयराम रमेश ने सोमवार को केंद्र सरकार पर हमला किया और कहा कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने का वादा पूरा नहीं किया जा रहा है। यह टिप्पणी मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेल्सुख उक्ना के 13-16 अक्टूबर के भारत दौरे से पहले की गई।
जैयराम रमेश ने 19वें कुशोक बकुला रिनपोचे की भूमिका को याद किया, जिन्होंने मंगोलिया और भारत के बीच कूटनीतिक संबंध मजबूत करने में अहम योगदान दिया। रमेश ने आरोप लगाया कि स्थानीय हिल काउंसिल चुनाव 2020 में बीजेपी ने छठी अनुसूची का वादा किया था, लेकिन अब सत्ता में रहते हुए वह इसे पूरा नहीं कर रही है।
कांग्रेस नेता ने X पोस्ट में लिखा, “आज मंगोलिया के राष्ट्रपति नई दिल्ली पहुंच रहे हैं, एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ… 19वें कुशोक बकुला रिनपोचे का लद्दाख अब राष्ट्र और सबसे बढ़कर उस पार्टी के नेतृत्व से सुधार की उम्मीद कर रहा है, जिसने स्थानीय हिल काउंसिल चुनाव 2020 में छठी अनुसूची का संवैधानिक संरक्षण देने का वादा किया था, लेकिन अब इसे पूरा नहीं कर रही।”
कूटनीतिक संबंधों में मील का पत्थर
रमेश ने बताया कि 1989 में 19वें कुशोक बकुला रिनपोचे को भारत का मंगोलिया में राजदूत नियुक्त करना दो देशों के संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। उन्होंने कहा, “भारत और मंगोलिया के बीच कूटनीतिक संबंध दिसंबर 1955 से हैं। भारत ने मंगोलिया को अक्टूबर 1961 में संयुक्त राष्ट्र में शामिल होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1989 में राजीव गांधी द्वारा कुशोक बकुला रिनपोचे की नियुक्ति ने संबंधों में एक नई दिशा दी।”
रमेश ने याद किया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2005 में लेह हवाईअड्डे का नाम 19वें कुशोक बकुला रिनपोचे के नाम पर रखा। उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म की संस्कृति को पुनर्जीवित करने में रिनपोचे ने मंगोलिया और भारत दोनों में अहम योगदान दिया।
मंगोलिया के राष्ट्रपति का दौरा
मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेल्सुख उक्ना भारत दौरे पर 13 से 16 अक्टूबर तक रहेंगे। उनके साथ कैबिनेट मंत्री, सांसद, वरिष्ठ अधिकारी, व्यापारिक और सांस्कृतिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह उनके राज्य प्रमुख के रूप में भारत का पहला दौरा होगा।
लद्दाख में छठी अनुसूची और राज्यhood की मांगें
वहीं, लद्दाख में राज्यhood और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। यह प्रदर्शन 24 सितंबर को हिंसक रूप ले गया, जिसमें पुलिस कार्रवाई के दौरान चार लोग मारे गए। इसके अलावा, जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक, जो भूख हड़ताल पर थे, उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में लिया गया।
जैयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर लोकल हिल काउंसिल चुनाव 2020 में किए गए वादे पूरे न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि लद्दाख की जनता को न्याय और संवैधानिक संरक्षण दिलाना सरकार की जिम्मेदारी है।
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