राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को दी गई जलसमाधि, अयोध्या में बैंड-बाजे के साथ निकली अंतिम यात्रा

समग्र समाचार सेवा
अयोध्या,14 फरवरी।
श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी महाराज को आज पूरे विधि-विधान और सम्मान के साथ जलसमाधि दी गई। अयोध्या में उनकी अंतिम यात्रा बैंड-बाजे और जय श्रीराम के जयकारों के साथ निकाली गई, जिसमें हजारों श्रद्धालु और संत-समाज के लोग शामिल हुए।

अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब

आचार्य सत्येंद्र दास जी की अंतिम यात्रा राम जन्मभूमि परिसर से निकाली गई, जो सरयू तट पर पहुंचकर संपन्न हुई। इस दौरान संत-समाज, राम भक्तों और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं समेत अयोध्या के हजारों श्रद्धालुओं ने उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी।

यात्रा के दौरान पूरे अयोध्या में “जय श्रीराम” और “संत सत्येंद्र दास अमर रहें” के नारे गूंजते रहे। श्रद्धालुओं ने फूल बरसाकर उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की।

कौन थे आचार्य सत्येंद्र दास?

आचार्य सत्येंद्र दास जी श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी थे और उन्होंने कई दशकों तक मंदिर में पूजा-अर्चना की। वे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के अनन्य भक्त थे और अयोध्या के संत समाज में उनका विशेष सम्मान था।

उन्होंने राम मंदिर आंदोलन के दौरान पूजा-पद्धति और धार्मिक नियमों का पालन करते हुए भक्तों का मार्गदर्शन किया था। उनकी विद्वता और धार्मिक आस्था के कारण वे हिंदू समाज में अत्यंत पूजनीय माने जाते थे।

सरयू तट पर दी गई जलसमाधि

अयोध्या के परंपराओं के अनुसार, महान संतों को जलसमाधि दी जाती है। इसी परंपरा का पालन करते हुए सरयू नदी के पवित्र जल में आचार्य सत्येंद्र दास जी का पार्थिव शरीर प्रवाहित किया गया। जलसमाधि के समय बड़ी संख्या में संत-महंत, राम भक्त और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।

अयोध्या में शोक की लहर

आचार्य सत्येंद्र दास जी के निधन से अयोध्या के संत समाज और श्रद्धालुओं में गहरा शोक है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और कई प्रमुख संतों ने इसे अयोध्या के धार्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया।

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष ने कहा, “आचार्य सत्येंद्र दास जी का योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने पूरी निष्ठा से श्रीराम की सेवा की और हमें धार्मिक मार्गदर्शन दिया।”

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आचार्य सत्येंद्र दास जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, “आचार्य सत्येंद्र दास जी का जीवन श्रीराम भक्ति और सेवा का प्रतीक था। अयोध्या और समस्त हिंदू समाज को उनकी कमी हमेशा खलेगी।”

निष्कर्ष

आचार्य सत्येंद्र दास जी की जलसमाधि के साथ अयोध्या ने एक महान संत को विदाई दी। उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा और श्रीराम मंदिर में उनकी सेवा एक प्रेरणा के रूप में जीवित रहेगी। अयोध्या के संत समाज और राम भक्तों के लिए यह एक अत्यंत भावुक क्षण रहा, लेकिन उनकी शिक्षाएं और भक्ति हमेशा हिंदू समाज का मार्गदर्शन करेंगी।

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