समग्र समाचार सेवा
जम्मू, 11सितंबर। जम्मू-कश्मीर के बीजेपी नेता गुलाम अली को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है. गुलाम अली लंबे समय से बीजेपी से जुड़े हुए हैं. उन्होंने रविवार को कहा कि मैने बीजेपी के लिए काम किया है और पार्टी ने मेरी ईमानदारी देखी. गुलाम अली ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा था कि जब हम सत्ता में आएंगे तो हम उन लोगों को सशक्त बनाएंगे जिनके पास राजनीतिक सत्ता नहीं है.पीएम मोदी ने जो कहा वो किया.यह सिर्फ गुर्जर समुदाय की नहीं बल्कि सभी समुदायों की जीत है. गुर्जर मुस्लिम समुदाय के गुलाम अली राज्यसभा के लिए मनोनीत होने के बाद उनके समर्थको ने उन्हें बधाई दी और नोटो की माला पहनाकर उनका स्वागत किया.
J&K | People congratulate BJP's Gulam Ali after being nominated to Rajya Sabha by President Murmu
"In BJP we don't work for the position. I worked selflessly for the party & party saw my loyalty, work. I want to thank PM Modi. It's not my win but a win for entire J&K," he says pic.twitter.com/0299QqA9hS
— ANI (@ANI) September 11, 2022
यह संभवत: पहली बार है, जब क्षेत्र के गुर्जर मुस्लिम समुदाय के किसी व्यक्ति को मनोनीत सदस्य के रूप में उच्च सदन में भेजा गया है.केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (एक) के उप-खंड (ए) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, जो उसी अनुच्छेद के खंड (3) में शामिल है, राष्ट्रपति एक मनोनित सदस्य के सेवानिवृत्त होने से रिक्त हुई जगह को भरने के लिए गुलाम अली को राज्यसभा के लिए नामित करती हैं.’’
केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण विभाग का जिम्मा संभाल रहे जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में नए सदस्य के रूप में अली के नामांकन पर बधाई दी.सिंह ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘गुलाम अली खटाना जी, राज्यसभा की सदस्यता पाने के योग्य थे, लंबे समय बाद ऐसा हो पाया… आपके लिए राष्ट्र निर्माण में अपनी सर्वोत्कृष्ट भूमिका निभाने का अवसर.’’ अली के नामांकन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने से पहले इस समुदाय का विधायी निकायों में बहुत कम प्रतिनिधित्व था.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में अनुच्छेद-370 को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों-जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था.अनुच्छेद-370 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया था.
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