जम्‍मू-कश्‍मीर: NIA ने 11 ठिकानों पर मारे छापे, आतंकी घटनाओं के कारण मजबूरन घाटी छोड़ने को मजबूर प्रवासी मजदूर

समग्र समाचार सेवा
जम्मू, 20अक्टूबर। जम्मू-कश्मीर में शोपियां के द्रगाड इलाके में मुठभेड़ शुरू हो गई है। वहां तीन आतंकियों के मिलने की सूचना मिली है। पुलिस और सुरक्षा बल ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस बात की जानकारी दी। आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत सभी लोगों को घरों के अंदर रहने के लिए कहा गया है। इलाके में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पुलिस और सुरक्षा बल पूरी तरह से सतर्क हैं।

दूसरी तरफ NIA ने आज जम्मू कश्मीर के 11 ठिकानों पर छापेमारी कई है। आतंकवाद की साजिश के मामले में श्रीनगर, बारामूला, पुलवामा, अवंतीपोरा, सोपोर और कुलगाम में छापेमारी जारी है।

बता दें कि कश्‍मीर में 5 अक्‍टूबर के बाद से 5 प्रवासियों की हत्‍या हो चुकी है। इसमें बिहार के 4 रेहड़ी मजदूर और उत्‍तर प्रदेश के एक मुस्लिम कारपेंटर भी शामिल है। इससे पहले स्‍थानीय सिख और हिंदू शिक्षक की हत्‍या कर दी गई थी।घाटी में लगातार हो रही प्रवासी मजूदरों की हत्‍या से अब डर का माहौल बना हुआ है। मजदूरों के डर को कम करने और सुरक्षा मुहैया कराने के लिए प्रशासन ने कश्‍मीर में प्रवासी मजदूरों के आवासी क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी है। प्रशासन का कहना है कि प्रवासी मजदूर कश्‍मीर के अलग-अलग इलाकों में रहते हैं, जिसके कारण उनकी सुरक्षा करना थोड़ा मुश्किल होता जा रहा है।

कई लोगों ने कहा कि दिहाड़ी मजदूरों को घाटी छोड़ने के लिए कहा जा रहा है. प्रवासी मजदूरों के पलायन से चिंतित प्रशासन ने रविवार को घाटी के अलग-अलग जगहों पर रह रहे प्रवासी मजदूरों को सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में कैंप लगाकर रखा था। इनमें से कुछ मंगलवार तक घाटी छोड़ चुके थे या सुरक्षित स्थानों पर काम में लग गए थे। बारामूला की चूरा तहसील के एक दुकान-मालिक ने कहा, पुलिस कुछ दिनों से मजदूरों को जाने के लिए कह रही है, लेकिन कई लोग घाटी छोड़ने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि उन्‍हें अभी तक अपनी मजदूरी के पैसे नहीं मिले हैं इसलिए वह यहां से नहीं जाएंगे। रविवार की रात सौ से अधिक मजदूरों को यहां लाकर सरकारी स्कूल में रखा गया है. इनमें काफी लोग सोमवार शाम तक घाटी छोड़कर चले गए।

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