समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20 मार्च। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने यूक्रेन पर रूस के हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को हिला देने वाला कदम करार दिया है। खास बात यह है कि किशिदा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बगल में खड़े हो एक मंच साझा करते हुए ये बातें कहीं। जापान के पीएम 14वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आए हैं।
दुनिया के ज्यादातर मुल्क रूस के खिलाफ
यूक्रेन पर हमले के बाद से दुनिया के ज्यादातर मुल्क रूस के खिलाफ हैं। उन्होंने रूस के कदम की खुलकर आलोचना की है। जापान भी उन्हीं देशों में शामिल है। इसके उलट भारत का स्टैंड इस मामले में न्यूट्रल रहा है। उसने किसी भी मंच पर रूस की आलोचना से दूरी बनाई है। हालांकि, शनिवार को अजीबो-गरीब स्थिति पैदा हो गई। मौका था संयुक्त संबोधन का।
जापानी प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री के सामने ही रूस को घेरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ अगल-बगल खड़े थे। इस दौरान जापान के पीएम ने यूक्रेन का जिक्र कर रूस को आड़े हाथों ले लिया। उन्होंने इसे बेहद गंभीर मसला करार दिया। जापानी पीएम ने ऐसा कर शायद यह मैसेज भी देने की कोशिश की कि भारत को इस मसले पर अपने रुख के बारे में विचार करना चाहिए। हालांकि, भारत के स्टैंड के अनुरूप प्रधानमंत्री मोदी रूस-यूक्रेन मसले पर कुछ भी बोलने से बचे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ कई मसलों पर बातचीत की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ कई मसलों पर बातचीत की। इस दौरान दोनों शीर्ष नेताओं की आर्थिक, कारोबारी और ऊर्जा क्षेत्र सहित द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने को लेकर चर्चा हुई। दोनों देशों के बीच छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। जापान ने 2014 में की गई निवेश प्रोत्साहन साझेदारी के तहत भारत में 3 लाख 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य का ऐलान किया। पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए सतत विकास पहल की घोषणा की।
मंच पर अगल-बगल खड़े हुए दोनों शीर्ष नेता
बैठक के बाद दोनों ने मीडिया को संयुक्त रूप से संबोधित किया। इसके लिए दोनों एक ही मंच पर अगल-बगल खड़े हुए। यहीं जापान के प्रधानमंत्री किशिदा ने रूस-यूक्रेन युद्ध की चर्चा छेड़ दी। उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन पर रूस का हमला गंभीर मामला है। इसने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की जड़ों को हिलाकर रख दिया है।’ किशिदा ने रूस का जिक्र करते हुए कहा कि बल प्रयोग के जरिये एकतरफा ढंग से यथास्थिति बदलने के प्रयासों की अनुमति नहीं दी जाएगी। भारत और जापान को खुले और मुक्त हिंद प्रशांत के लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए।
भारत ने बनाई है दूरी
भारत जापान के साथ क्वाड समूह में शामिल है। यह चार देशों का समूह है। इसके दो अन्य देशों में ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका हैं। संयुक्त राष्ट्र में रूस के कदम की निंदा को लेकर अब तक जितने भी प्रस्ताव आए हैं, उनसे भारत ने दूरी बनाई है। वह सिर्फ यह कहता आया है कि युद्ध पर विराम लगना चाहिए। वहीं, इस समूह के अन्य तीनों देशों ने रूस के हमले की खुलकर आलोचना की है। रूस तमाम देशों के उलट भारत के स्वतंत्र स्टैंड की सराहना कर चुका है। दोनों के रिश्ते बहुत पुराने और मजबूत हैं। ये आज भी वैसे ही बने हुए हैं। बैठक के बाद पीएम मोदी ने बताया कि जापान का अगले पांच साल में भारत में 42 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश करने का लक्ष्य है। संयुक्त बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भारत-जापान भागीदारी को और गहन करना सिर्फ दोनों देशों के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इससे हिंद प्रशांत क्षेत्र और पूरे विश्व के स्तर पर भी शांति, समृद्धि और स्थिरता को प्रोत्साहन मिलेगा।’
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