जापान में दिवालिया मामलों में 11 वर्षों की ऊँचाई: आर्थिक अनिश्चितता और ब्याज दर वृद्धि की आशंकाएँ प्रमुख कारण
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,10 अप्रैल। जापान में वित्तीय वर्ष 2024 (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) के दौरान कॉर्पोरेट दिवालिया मामलों की संख्या 10,144 तक पहुँच गई, जो पिछले 11 वर्षों में सबसे अधिक है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 12% की वृद्धि दर्शाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस वृद्धि के पीछे कई कारक हैं:
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बढ़ती उत्पादन लागत: कच्चे माल और ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि ने कंपनियों की लाभप्रदता को प्रभावित किया है।
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श्रमिकों की कमी: श्रमिकों की उपलब्धता में कमी के कारण कई कंपनियों को संचालन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। श्रमिकों की कमी से संबंधित दिवालिया मामलों की संख्या 80% बढ़कर 289 हो गई, जो 2013 के बाद से सबसे अधिक है।
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ब्याज दरों में संभावित वृद्धि की आशंका: बैंक ऑफ जापान (BOJ) की मौद्रिक नीति में संभावित सख्ती और ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना ने कंपनियों की वित्तीय योजनाओं पर दबाव डाला है।
लगभग सभी उद्योगों में दिवालिया मामलों में वृद्धि देखी गई है, विशेषकर:
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सेवा क्षेत्र: इस क्षेत्र में 3,329 कंपनियों ने दिवालिया घोषित किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13.2% अधिक है।
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निर्माण क्षेत्र: 1,924 कंपनियों ने दिवालिया घोषित किया, जो 13.6% की वृद्धि है।
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खुदरा क्षेत्र: इस क्षेत्र में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
BOJ के गवर्नर काज़ुओ उएडा ने आर्थिक अनिश्चितताओं और वैश्विक व्यापार नीतियों में बदलाव के प्रति सतर्कता व्यक्त की है। उन्होंने संकेत दिया है कि मौद्रिक नीति में किसी भी बदलाव से पहले सभी आर्थिक संकेतकों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन किया जाएगा।
जापान में बढ़ते दिवालिया मामलों की संख्या आर्थिक अनिश्चितता, बढ़ती लागत, श्रमिकों की कमी और संभावित ब्याज दर वृद्धि की आशंकाओं का परिणाम है। यह आवश्यक है कि नीति निर्माता और उद्योग जगत के नेता इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए समन्वित प्रयास करें, ताकि अर्थव्यवस्था को स्थिरता की ओर ले जाया जा सके।
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