झारखंड घाटशिला उपचुनाव: बीजेपी ने जारी की 40 स्टार प्रचारकों की सूची

समग्र समाचार सेवा

रांची, 14 अक्टूबर: झारखंड के घाटशिला विधानसभा उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गई है। इसी कड़ी में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने कुल 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है।

सूची में केंद्रीय मंत्री और पिछले विधानसभा चुनाव में प्रभारी रहे शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, साथ ही ओडिशा और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री शामिल हैं। इस बार सूची में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का नाम नहीं है, जबकि पिछले झारखंड विधानसभा चुनाव में वह सह प्रभारी थे।

बीजेपी ने इस बार प्रदेश स्तर के नेताओं को भी स्टार प्रचारकों में शामिल किया है। इसमें प्रदेश अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष सह राज्य सांसद आदित्य साहू, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास, पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को जगह दी गई है।

घाटशिला सीट का चुनावी इतिहास

घाटशिला सीट से अब तक केवल एक बार (2014) बीजेपी को जीत मिली थी, जब उम्मीदवार लक्ष्मण टुडू ने पार्टी के लिए विजय हासिल की। इसके अलावा यह सीट हमेशा झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस के नियंत्रण में रही है। साल 2019 और 2024 में लगातार दो बार से JMM के उम्मीदवार रामदास सोरेन विजयी रहे।

हालांकि, झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री और घाटशिला विधायक रामदास सोरेन का 15 अगस्त को दिल्ली में इलाज के दौरान निधन हो गया। उनके निधन के बाद JMM अपने उम्मीदवार के रूप में या तो उनके बेटे सोमेश सोरेन या पत्नी सूरजमणि सोरेन को उतारने की योजना बना रही है। इसकी आधिकारिक घोषणा 15 अक्टूबर को रांची में होने वाले JMM केंद्रीय समिति की बैठक में की जाएगी।

बीजेपी की रणनीति

दूसरी ओर, बीजेपी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को उम्मीदवार बनाने की संभावना है। हालांकि, दोनों पार्टियों ने अभी तक अपने प्रत्याशियों का आधिकारिक ऐलान नहीं किया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि घाटशिला उपचुनाव में महिला मतदाता निर्णायक फैक्टर साबित होंगे। 2024 के विधानसभा चुनाव के परिणामों की तरह, मुख्यमंत्री मईया सम्मान योजना (₹2,500 रुपये) का प्रभाव इस बार भी देखने को मिल सकता है। वहीं, रामदास सोरेन के निधन के बाद उनके परिवार के सदस्यों को उम्मीदवार बनाए जाने से JMM को भावनात्मक वोट का फायदा मिल सकता है।

इस उपचुनाव में बीजेपी और JMM के बीच मुकाबला बेहद दिलचस्प होने की संभावना है, और यह न केवल सीट पर, बल्कि पूरे झारखंड के राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।

 

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